जयपुर, अक्टूबर 10 -- राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने मानसिक स्वास्थ्य और मेंटल वेल-बीइंग को प्रोत्साहित करना समय की आवश्यकता बताते हुए कहा है कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी नितांत आवश्यक है तथा प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं को और विस्तार देने के साथ ही सुदृढ़ बनाया जाएगा।

श्री खींवसर शुक्रवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं में भी मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजूबती दी जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया एवं भागदौड़ भरी कार्यशैली ने मानसिक स्वास्थ्य को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के बीच बेहतर तालमेल से चिंता, तनाव, अवसाद जैसे मानसिक विकारों को दूर किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सामाजिक स्वीकार्यता कम होने के बावजूद, भावनात्मक और व्यवहारिक समर्थन देकर दूसरों के अवसाद को कम किया जा सकता है। हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी ऐसा अवसर आता है, जब वह बहुत अधिक मानसिक तनाव से घिर जाता है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मानसिक विकार होने पर विशेषज्ञों की सहायता लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि मानसिक बीमारी का पता देरी से चलता है। लोगों को मानसिक विकारों को सीमित न रखकर इन विषयों को साझा करना चाहिए है, इससे व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है।

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