शिमला , अक्टूबर 06 -- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में 12 वर्षीय दलित बच्चे की आत्महत्या के मामले में न्याय की मांग करते हुए सोमवार को कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया।

मृतक के परिजनों का आरोप है कि 16 सितंबर को एक महिला ने जातिगत आधार पर बच्चे को प्रताड़ित किया था। जब बच्चे की माँ शाम को घर लौटी तो बच्चे को बेहोश पाया। उसे तत्काल शिमला में एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहाँ इलाज के दौरान 17 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे ने जहरीला पदार्थ खा लिया था।

परिजनों ने 20 सितंबर को रोहडू थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

माकपा ने शिमला और बालाचौकी आदि कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए राज्य प्रशासन से मांग कि पीड़ित को हर हाल में न्याय मिलना चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। माकपा नेताओं का कहना है कि आजादी के लगभग 78 साल बाद भी जातिगत भेदभाव अपने विकराल रूप में समाज में फैला हुआ है। उन्होंने संवैधानिक प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू करने के साथ -साथ परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग भी की।

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