महासमुन्द , दिसंबर 21 -- मनरेगा योजना से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाने एवं नियमों में संशोधन के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी महासमुन्द द्वारा नेहरू चौक में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया। धरने में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए। इस दौरान केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाना न केवल उनकी विचारधारा का अपमान है, बल्कि यह गरीबों और मजदूरों के अधिकारों पर सीधा हमला है। कांग्रेस का कहना है कि मनरेगा के तहत छत्तीसगढ़ में प्रतिवर्ष लगभग एक हजार करोड़ रुपये के कार्य होते थे, जिससे सैकड़ों मजदूरों को रोजगार मिलता था।
धरना स्थल पर वक्ताओं ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा नियमों में संशोधन कर राज्य सरकारों पर 40 प्रतिशत अंशदान की बाध्यता थोप दी गई है, जबकि अधिकांश राज्य सरकारें इस स्थिति में नहीं हैं। इससे मनरेगा के कार्य प्रभावित होंगे और मजदूरों को मिलने वाला रोजगार धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा।
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