मुंबई , अक्टूबर 13 -- महाराष्ट्र सरकार ने मछलियों के प्रजनन दर को सुरक्षित रखने और राज्य की मछली पकड़ने की वार्षिक क्षमता बढ़ाने के लिए बाजार में बेची जाने वाली कुछ समुद्री मछलियों के लिए न्यूनतम कानूनी आकार (एमएलएस) नियम लागू किया है।

केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) के परामर्श से तैयार इस आदेश के अनुसार निर्धारित लंबाई से छोटी मछली पकड़ने या बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य छोटी मछलियों को बढ़ने और प्रजनन करने के लिए समय देना है, जिससे कुल मछली भंडार में वृद्धि हो।

उल्लेखनीय है कि एमएलएस को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य के मत्स्य पालन विभाग को सौंपी गई है। केरल के बाद महाराष्ट्र इस पहल को लागू करने वाला दूसरा राज्य है।

इस नियम के तहत राजकीय मछली सिल्वर पॉम्फ्रेट और बांगडा (भारतीय मैकेरल) की लंबाई कम से कम 14 सेमी होनी चाहिए। इसी तरह झींगे के लिए एमएलएस 9 सेमी, बॉम्बे डक के लिए 18 सेमी और सुरमई के लिए 37 सेमी है।

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