सतारा , नवंबर 26 -- महाराष्ट्र में प्रशासन ने प्रतापगढ़ किले की तलहटी में मौजूद अफ़ज़ल खान के मकबरे के 300 मीटर के दायरे में लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई है।

प्रशासन ने यह कदम आगामी शिव प्रताप दिवस समारोह के मद्देनजर उठाया है। प्रताप दिवस समारोह को लेकर राजनीतिक दलों ने मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस दिवस को 1659 में शिवाजी महाराज की अफ़ज़ल खान पर जीत के जश्न के तौर पर मनाया जाता है।

पुलिस अधीक्षक पुलिस तुषार दोशी द्वारा जारी किए गए आदेश 26 नवंबर से 24 जनवरी तक लागू रहेंगे। ये रोक 27 नवंबर को प्रतापगढ़ किला में होने वाले शिव प्रताप दिवस समारोह से ठीक पहले लगाई गई हैं। कलेक्टर संतोष पाटिल ने अलग-अलग विभाग को समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है, जिसमें किले में बिजली की लाइटिंग, सफाई, ऐतिहासिक पुरुषों के खेल और पोवाड़ (पारंपरिक मराठी परफॉर्मेंस) शो का इंतज़ाम शामिल होगा।

महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एमएसआरटीसी ) को किले में आने वाले टूरिस्ट के लिए स्पेशल बस सर्विस देने का काम सौंपा गया है। महाबलेश्वर को प्रतापगढ़ और प्रतापगढ़ को पोलादपुर से जोड़ने वाली सड़क की मरम्मद करने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि हाल के सालों में इस जगह को संवेदनशील माना गया है। अदालत के आदेश के बाद नवंबर 2022 में अफ़ज़ल खान की कब्र के आसपास के कब्ज़े हटा दिए गए थे।

रिकॉर्ड बताते हैं कि विवादित हिस्से पर लगभग 1990 से कब्ज़ा था और यह लगभग एक एकड़ में फैला हुआ था, जबकि कब्र खुद कुछ स्क्वायर फ़ीट में ही है। उच्चतम न्यायालय ने भी 2017 में कब्ज़े हटाने का ऑर्डर दिया था। यहां पर पहले भी तनाव विशेषकर खासकर 2006 में कब्र के आसपास की गतिविधियों को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद हुआ था। इसके जवाब में कब्र तक आम लोगों की पहुँच पर रोक लगा दी गई थी और यह इलाका दो दशकों से ज़्यादा समय से लगातार सुरक्षा निगरानी में है। ऐतिहासिक रूप से, अफ़ज़ल खान और उनके गार्ड सैयद बंदा की कब्रें, स्वराज की लड़ाई में छत्रपति शिवाजी महाराज से अफ़ज़ल खान की हार के बाद प्रतापगढ़ किले के बेस पर बनाई गई थीं।

ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि 1956 तक मकबरे की छत ताड़ के पेड़ की थी, लेकिन 1980 और 1985 के बीच कब्ज़ा शुरू हो गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा रोक के आदेश कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियाती कदम हैं। तय समय के दौरान इलाके पर लगातार नज़र रखी जाएगी।

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