गांधीनगर , अक्टूबर 02 -- गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गुरुवार को महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में उनके जन्म स्थल पोरबंदर स्थित कीर्ति मंदिर में पूज्य बापू को पुष्पांजलि अर्पित कर प्रार्थना सभा में सहभागी हुए और असत्य पर सत्य की विजय के पर्व विजयादशमी की शुभकामनायें भी दी।

श्री पटेल ने पूज्य बापू को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने सूत के धागे से खादी एवं स्वदेशी से स्वतंत्र भारत के लिए पीठिका तैयार कर स्वतंत्रता दिलाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी से आत्मनिर्भरता तथा समृद्धि का मंत्र 'वोकल फॉर लोकल' से आत्मसात कर विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की प्रेरणा दी है।

मुख्यमंत्री ने असत्य पर सत्य की विजय के पर्व विजयादशमी की शुभकामनायें दीं और पूज्य बापू की दिव्य चेतना को वंदन करते हुए कहा कि महात्मा गांधी को याद करते ही हमारी आंखों के समक्ष सेवाभावी संत, अहिंसा के उपासक तथा विश्व मानव की छवि उभर आती है। पोरबंदर की इस मिट्टी में जन्मे मोहनदास गांधीजी आज साबरमती के संत तथा अहिंसा के पुजारी के रूप में समग्र विश्व में पूजे जाते हैं।

श्री पटेल ने अहिंसा का महत्व समझाते हुए कहा कि अहिंसा नम्रता की पराकाष्ठा है। नम्रता के बिना मुक्ति कभी संभव नहीं है। पूज्य बापू ने गरीब एवं गांव के नागरिकों के उत्थान की अलख जगाई थी। उस यात्रा को प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सुराज्य में पलट कर गरीब, वंचित, पीड़ित और शोषित के कल्याण के ध्येय एवं सुशासन के साथ आगे बढ़ाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूज्य बापू द्वारा दिये गये स्वच्छता के विचार को सार्थक करने के लिए वैश्विक नेता प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्वयं अपने हाथों में झाड़ू लेकर सफाई को जन आंदोलन बनाया है और देश व दुनिया में एक उदाहरण स्थापित किया है। स्वच्छ भारत मिशन से छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक सभी स्वच्छाग्रही बने हैं। उन्होंने कहा कि गरीब, वंचित तथा सुदूरवर्ती मानव तक सुख-सुविधा पहुंचाने के इरादे और विकास के जरिये पूज्य बापू द्वारा देखा गया सपना आज साकार हो रहा है।

श्री पटेल ने जोड़ा कि प्रधानमंत्री ने 'वोकल फॉर लोकल' का संकल्प किया है और स्वदेशी अभियान के जरिये खादी के उत्पादन व बिक्री में चार से पांच गुना वृद्धि हुई है तथा बड़े पैमाने पर रोजगार का भी सृजन हुआ है। अब हमारे उद्योगों को 'वोकल फॉर लोकल' तथा स्वदेशी अपना कर आत्मनिर्भर भारत-समृद्ध भारत में सहयोगी बनाने के लिए हाल ही में प्रधानमंत्री ने नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स की भेंट दी है। यह भेंट जन-जन के बचत उत्सव के साथ देश के विकास के लिए स्वदेशी को गति देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता से पूर्व जिस प्रकार स्वराज के लिए स्वदेशी का आग्रह था, उसी प्रकार आज समृद्ध भारत-आत्मनिर्भर भारत को सार्थक बनाने के लिए स्वदेशी को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने आह्वान किया कि आज के दिन स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का संकल्प करें। उन्होंने आधुनिकीकरण का उल्लेख करते हुए कि स्वदेशी के साथ-साथ आज मोबाइल फोन सूचना एवं सेवा प्राप्त करने का महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा कि कीर्ति मंदिर में पूज्य बापू तथा उनके जन्म स्थल की जानकारी देने वाले क्यूआर कोड के माध्यम से पर्यटकों को आसानी से इस स्थल के स्थापत्य तथा बापू के जीवन चरित्र के विषय में जानकारी मिलेगी।

उन्होंने जोड़ा कि पूज्य बापू के नेतृत्व में 1947 में हमें स्वतंत्रता मिली। अब 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी के साथ विकसित भारत के संकल्प को साकार करने का अमूल्य अवसर हमें मिला है। 2047 तक की इस अमृतकाल की यात्रा को श्री मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में हम आत्मनिर्भरता, गरीब कल्याण, स्वच्छता तथा पर्यावरण संरक्षण के विचार के साथ आगे बढ़ायें।

मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी लोगों से हृदय में प्रेम, जीवन में अहिंसा, समाज में समरसता तथा राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ कर्तव्यरत रहने का अनुरोध किया।

जिला प्रभारी मंत्री कुंवरजीभाई बावलिया ने कहा कि पोरबंदर की भूमि विख्यात है, एक चक्रधारी मोहन यानी भगवान श्री कृष्ण के सखा सुदामा से और दूसरे मोहन यानी चरखाधारी राष्ट्रपिता पूज्य बापू की भूमि। जहां से उन्होंने कहा कि गांधीजी की यह भूमि हमें सकारात्मक संवेदनाओं का अनुभव कराती है। पूज्य बापू स्वच्छता एवं स्वदेशी के आग्रही थे। उनकी स्वदेशी एवं स्वच्छता पहलों को श्री मोदी ने आगे बढ़ाया है, जिससे देश आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनेगा। उन्होंने हर घर स्वदेशी-घर घर स्वदेशी के नारे के साथ आगे बढ़ने की अपील की तथा पूज्य बापू व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती की शुभकामनायें दीं।

प्रार्थना सभा के समापन के बाद मुख्यमंत्री ने परिसर के 'संग्रह स्थान' खादी ग्रामोद्योग से खादी की खरीदारी की और कीर्ति मंदिर संचालन समिति द्वारा तैयार किये गये 'परिवारना मोभीनो वैभवी इतिहास' (परिवार के मुखिया का वैभवी इतिहास) क्यूआर कोड का अनावरण किया। इस क्यूआर कोड की मदद से कीर्ति मंदिर आने वाले पर्यटकों को गांधीजी के जन्म स्थल, कीर्ति मंदिर स्मारक के महत्वपूर्ण हिस्सों की विशेषताओं की जानकारी हिन्दी, अंग्रेजी एवं गुजराती भाषा में श्राव्य-लिखित स्वरूप में उपलब्ध होगी।

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