, Dec. 1 -- लगभग दस वर्ष तक मायानगरी मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1988 में नासिर हुसैन की आमिर खान अभिनीत फिल्म 'कयामत से कयामत तक' में अपने गीत "पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा" की सफलता के बाद उदित नारायण गायक के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गये। कयामत से कयामत तक की सफलता के बाद उदित नारायण को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गये जिनमें राम अवतार,त्रिदेव ,महासंग्राम ,दिल ,सौगंध,फूल और कांटे जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल थीं। इन फिल्मों की सफलता के बाद उदित नारायण ने सफलता की नयी बुलंदियों को छुआ और एक से बढ़कर एक गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

उदित नारायण अपने गाये गीतो के लिये तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार और पांच बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हैं। हिन्दी सिनेमा जगत में उदित नारायण के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुये उन्हें वर्ष 2009 में पद्मश्री और वर्ष 2016 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2002 में फिल्म लगान के गीत "सुन मितवा" और 2003 में फिल्म जिंदगी खूबसूरत है के गीत "छोटे छोटे सपने" के लिये वह सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये।आमिर खान, शाहरुख खान जैसे नामचीन नायकों की आवाज कहे जाने वाले उदित नारायण ने चार दशक से भी ज्यादा लंबे कैरियर में 15,000 से अधिक फिल्मी और गैर फिल्मी गाने गाये हैं। उन्होंने हिन्दी के अलावा उर्दू, तमिल, बंगला, गुजराती, मराठी, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, उड़िया और नेपाली फिल्मों के गीतों के लिये भी अपना स्वर दिया है । उदित नारायण ने कई गैर फिल्मी गीतों के गायन से भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। उनके गाये प्राइवेट अलबम में कुछ है भजन संगम.भजन वाटिका.आई लव यू.दिल दीवाना.यह दोस्ती.लव इज लाइफ.झुमका दे झुमका.मां तारिणी.धुली गंगा प्रमुख है।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी उदित नारायण ने नेपाली फिल्मों में अभिनय भी किया है। इनमें कुसुमे रूमाल और पिराती प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने भोजपुरी सुपरहिट हिट फिल्म कब होइ गवनवां हमार का निर्माण भी किया है। उदित नारायण भारत के अलावा अमेरिका,कनाडा, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका में कई स्टेज कार्यक्रम भी पेश कर चुके हैं। उदित नारायण आज भी अपनी मधुर आवाज से संगीत जगत को सुशोभित कर रहे हैं।

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