छपरा, नवंबर 29 -- बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन ने शनिवार को कहा कि भोजपुरी बिहार की आत्मा है और प्रदेश में साहित्य एवं सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाने के लिए प्रदेश की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार प्रतिबद्ध है।

श्री नवीन ने सारण जिले के अमनौर हाईस्कूल परिसर में आयोजित अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन मेंकहा कि प्रदेश में भोजपुरी भाषा, साहित्य एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के प्रति सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

इस तीन दिवसीय भोजपुरी साहित्य सम्मलेन का प्रारंभ कवि सम्मेलन से हुआ, जिसका संचालन प्रख्यात कवि मनोज भावुक ने किया।

विभिन्न साहित्यिक सत्रों भोजपुरी के लेखकों और विद्वानों विष्णुदेव तिवारी, डॉ. कमलेश राय, महेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ. महामाया विनोद, डॉ. ब्रजभूषण मिश्र, मनोज भावुक एवं मीनाधर पाठक ने अपने व्याख्यान दिए।

मंत्री नितिन नवीन ने उपस्थित श्रोताओं और लेखकों से कहा कि भोजपुरी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि बिहार की आत्मा, परंपरा और सामाजिक मूल्यों की सशक्त अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्रीय भाषाओं और बोली को सहेजने तथा प्रोत्साहित करने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में विभाग द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि साहित्य किसी समाज की पहचान का महत्वपूर्ण आधार है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा को व्यापक मान्यता दिलाने के लिए सरकार, साहित्यकार और भोजपुरी समाज सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने वहां उपस्थित भोजपुरी के लेखकों से आह्वान किया कि इस भाषा के मानकीकरण, शब्दावली विकास, डिजिटल आर्काइव तथा ई-लाइब्रेरी जैसी आधुनिक पहलों को आगे बढ़ाने में सहयोग करें।

कार्यक्रम के अंत में मंत्री ने सम्मेलन के आयोजकों और उपस्थित गणमान्य लोगों को धन्यवाद देते हुए आश्वासन दिया कि विभाग भोजपुरी भाषा और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि बिहार की भाषाई विविधता ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति है और इसे विश्व पटल पर स्थापित करने का लक्ष्य सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है।

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