पूर्णिया , दिसंबर 26 -- बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में राजस्व एवं भूमि सुधार से जुड़ी व्यवस्थाओं को अधिक पारदर्शी, सुलभ और जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से भूमि सुधार जनकल्याण संवाद की शुरुआत की गई है।

श्री सिन्हा ने आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भूमि सुधार जनकल्याण संवाद कार्यक्रम न्यायालयों के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप करने का प्रयास नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और न्यायिक सीमाओं का पूर्ण सम्मान करते हुए ही समस्याओं का समाधान किया जाएगा। विभाग किसी भी स्तर पर न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देगा।

उन्होंने साफ किया कि किसी मंत्री, नेता या वरिष्ठ अधिकारी के नाम का इस्तेमाल कर हल्का, अंचल या जिला स्तर पर अवांछित दबाव बनाने की प्रवृत्ति को कड़ाई से रोका जाएगा।

श्री सिन्हा ने कहा कि राजस्व कर्मचारी, अंचलाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता और अपर समाहर्ता पर किसी भी प्रकार का अनावश्यक दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कहीं ऐसा प्रयास हो, तो संबंधित पदाधिकारी तत्काल विभाग को सूचित करें।

उन्होंने कहा कि इस संवाद का लक्ष्य राजस्व एवं भूमि सुधार से जुड़ी मूलभूत अड़चनों और जनसमस्याओं को समझना है, जिससे हल्का और अंचल स्तर पर इतनी पारदर्शी व्यवस्था विकसित हो सके कि भूमि विवाद की संभावना न्यूनतम रह जाए। यदि विवाद उत्पन्न हों भी, तो उनका समयबद्ध निपटारा अंचलाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता और अपर समाहर्ता के स्तर पर हो, जिससे न्यायालयों पर बोझ कम किया जा सकेगा।

उप मुख्यमंत्री ने भूमि सुधार को जटिल और संवेदनशील विषय बताते हुए कहा कि इसमें सुधार के लिए सोच-समझ और समय दोनों की आवश्यकता है। इसी कारण विभाग ने अपने कार्यकाल के पहले 100 दिनों में प्रमंडलवार और फिर जिलावार जनता के बीच जाकर संवाद करने का निर्णय लिया है,जिससे जमीनी फीडबैक के आधार पर स्पष्ट, जनोपयोगी और पारदर्शी नीति बनाई जा सके।

श्री सिन्हा ने बताया कि भूमि सुधार जनकल्याण संवाद का शुभारंभ 12 दिसंबर को पटना से हुआ। इसके बाद 15 दिसंबर को लखीसराय और 22 दिसंबर को मुजफ्फरपुर में संवाद आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि 18 दिसंबर को राज्य के सभी अंचलाधिकारी, अपर समाहर्ता और भूमि सुधार उप समाहर्ता के साथ पटना में समीक्षा बैठक भी की गई। हर स्थान पर यह संदेश दिया गया कि विभाग की कार्यप्रणाली के केंद्र में बिहार की जनता है और उनके काम को आसान बनाना है।

उन्होंने दो टूक कहा कि इस व्यवस्था में किसी भी प्रकार के बिचौलियों, दलालों और भूमाफियाओं की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सफेदपोश बनकर भूमाफियाओं को संरक्षण देने वाले तत्वों को भी चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।

श्री सिन्हा ने कहा कि भूमाफियाओं और जालसाजों पर प्राथमिकी दर्ज करने में विभाग अपने अधिकारियों के साथ खड़ा रहेगा।

उन्होंने कहा कि पहले 100 दिनों में सकारात्मक बदलाव सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने तीन प्रमुख समस्याओं यथा दाखिल-खारिज, परिमार्जन और ई मापी को प्राथमिकता दी है। दिसंबर माह में सभी अंचलाधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। अंचल स्तर पर नियम, नीति और प्रक्रिया की जानकारी बैनर-पोस्टर के माध्यम से साझा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही 9-9-6 (सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक, सप्ताह में 6 दिन) व्यवस्था लागू की गई है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 14 जनवरी के बाद क्षेत्रवार फिर से गहन समीक्षा की जाएगी।

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