चमोली , अक्टूबर 07 -- उत्तराखंड राज्य आपदा मोचन बल (एस डीआरएफ) के जांबाजों ने एक बार फिर अपना कौशल और सघर्ष में लोगों की सहायता करने में अपनी सराहनीय सेवा साबित की है ।

एशिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब की पैदल यात्रा मार्ग पिछले तीन दिनों बर्फबारी की चपेट में है। सोमवार से जारी लगातार हिमपात के चलते मंगलवार को पूरा पैदल मार्ग बर्फ की सफेद चादर में ढक गया है, जिससे यात्रा बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई है।

ऐसी विषम और कड़कड़ाती ठंड की परिस्थितियों में एस डी आर एफ के जांबाज जवान यात्रियों के लिए देवदूत साबित हो रहे हैं। ये जांबाज जवान यात्रियों की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात हैं । और भारी हिमपात के बीच हर श्रद्धा व्यक्ति को रास्ता पार करने में मदद कर रहे हैं। गोविन्द घाट - हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया हेमकुंड साहिब में सोमवार से ही लगातार बर्फबारी शुरू हो गई थी, जो मंगलवार को भी जारी रही।

क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सेमवाल ने बताया तेज बर्फबारी से घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक का पूरा पैदल मार्ग पर बर्फ से ढक गया है। रास्तों पर भारी फिसलन और बर्फ की मोटी परत यात्रियों के लिए चलना मुश्किलें पैदा कर रही है।

गुरुद्वारे के कपाट बंद होने से पहले दर्शन करने आ रहे श्रद्धालु हिमपात के बीच एस डी आर एफ की मदद से सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।

एस डी आर एफ के जांबाज जवान हेमकुंड साहिब के पैदल मार्ग के सबसे खतरनाक और बर्फीले हिस्सों पर मुस्तैद हैं। जहाँ एक ओर आसमान से बर्फ लगातार गिर रही है, वहीं दूसरी ओर एस डी आर एफ के जवानों का जज़्बा देखने लायक है।। वे सिर्फ़ बचाव ही नहीं, बल्कि एक-एक यात्री को सहारा देकर, रस्सियों और मानव श्रृंखला की मदद से बर्फीले रास्तों को पार करा रहे हैं।

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