हैदराबाद , दिसंबर 01 -- 'कंसल्टेंट फिजिशियन' डॉ. श्रीकृष्ण राघवेंद्र ने सोमवार को कहा कि भारत में लगभग 24 लाख 'एचआईवी-पॉजिटिव' व्यक्ति हैं, जिनमें से 1.4 लाख तेलंगाना में हैं।
डॉ. राघवेंद्र ने विश्व एड्स दिवस के अवसर पर कामिनेनी अस्पताल द्वारा आयोजित एक एड्स जागरूकता कार्यक्रम में कहा कि कहा कि पुरुषों और महिलाओं के बीच यह संख्या समान रूप से वितरित है। उन्होंने कहा कि बढ़े हुए परीक्षण के कारण अब बच्चों में भी मामले सामने आ रहे हैं, जो ज्यादातर माता-पिता से संचरित होते हैं। जिस किसी को भी लगातार बुखार, निरंतर कमजोरी या बिना वजह की थकावट जैसे लक्षण महसूस हो रहे हों, उन्हें चिकित्सा परीक्षण कराना चाहिए।
डॉ. राघवेंद्र ने कहा कि एचआईवी पॉजिटिव होने का मतलब घबराना नहीं है। पहला कदम एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र (आईसीटीसी) में पंजीकरण कराना है, जो वनस्थलीपुरम में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि यह केंद्र 2022 से सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत कार्य कर रहा है और सरकारी दिशानिर्देशों के तहत 'एंटीरेट्रोवाइरल' (एआरटी) दवाएं मुफ्त वितरित करता है।कामिनेनी के अलावा, उस्मानिया और चेस्ट अस्पताल में भी एआरटी सेवाएं उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि कामिनेनी एफ-आईसीटीसी केंद्र में वर्तमान में 1,200 पंजीकृत व्यक्ति हैं और 35-40 मरीज प्रतिदिन सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली दवा लेने आते हैं। नियमित रूप से फॉलो-अप, परीक्षण, और मुफ्त दवा का वितरण लगातार किया जाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए महिलाओं, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों और अन्य लोगों के लिए भी जागरूकता गतिविधियाँ संचालित करता है।
तेलंगाना वैज्ञानिक और अनुप्रयुक्त अनुसंधान केंद्र (एसएआरसी) की संयुक्त निदेशक डॉ. अनुराधा ने कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद कहा कि एड्स एक गंभीर जन स्वास्थ्य चिंता बना हुआ है जो चुपचाप फैल रहा है। उचित जागरूकता से हालांकि इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।
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