नयी दिल्ली , अक्टूबर 14 -- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंगोलियाई राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना के बीच मंगलवार को यहां हुई वार्ता के बाद दोनों देशों ने डिजिटल, आव्रजन, भूविज्ञान और खनिज संसाधनोंं के क्षेत्र में सहयोग सहित दस समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए और कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढाने के लिए दस समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये।

इन समझौता ज्ञापनों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर समझौता ज्ञापन, आव्रजन सहयोग पर समझौता ज्ञापन, सहकारिता संवर्धन पर समझौता ज्ञापन, लद्दाख पर्वतीय परिषद और मंगोलिया के अरखांगई प्रांत के बीच समझौता ज्ञापन, आपदा, प्राकृतिक आपदाओं या महामारी के दौरान मानवीय सहायता पर समझौता ज्ञापन, भूविज्ञान और खनिज संसाधनों में सहयोग पर समझौता ज्ञापन, त्वरित प्रभाव परियोजनाओं पर समझौता ज्ञापन, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान और मंगोलियाई योग महासंघ के बीच समझौता ज्ञापन, बोगद खान पैलेस के नवीनीकरण के लिए भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण और मंगोलियाई संस्कृति मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन और डिजिटल परिवर्तन में सहयोग पर समझौता ज्ञापन शामिल है।

इस अवसर पर अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की गई। इनमें रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने पर संयुक्त वक्तव्य, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए मंगोलिया का समर्थन , अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस पर रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन पर रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर, उलानबटार में एक रेजिडेंट रक्षा अताची की नियुक्ति, मंगोलियाई नागरिकों को निःशुल्क ई-वीज़ा का विस्तार, वर्ष 2026 में अरहंत मौद्गल्यायन और अरहंत सारिपुत्र के पवित्र अवशेषों को मंगोलिया भेजना, गंडांटेगचिनलेन मठ में एक संस्कृत शिक्षक की प्रतिनियुक्ति, मंगोलियाई छात्रों के एक समूह के लिए भारत यात्रा , राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संयुक्त स्मारक डाक टिकट जारी करना और राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मंगोलियाई नागरिकों के लिए अतिरिक्त 70 आईटीईसी स्लॉट की घोषणा शामिल हैं।

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