फगवाड़ा, 30 सितंबर (वार्ता ) भारतीय डाक ने अपने अंतर्देशीय स्पीड पोस्ट दस्तावेज़ शुल्कों में संशोधन की घोषणा की है, जो एक अक्टूबर से प्रभावी होंगे। इस कदम का उद्देश्य परिचालन लागत को सेवा की गुणवत्ता में सुधार और भविष्य के नवाचारों में निवेश की आवश्यकता के साथ संतुलित करना है।राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित संशोधित शुल्क संरचना अब भार और दूरी के स्लैब के अनुसार अलग-अलग होगी, जिसके अतिरिक्त वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भी लागू होगा।फगवाड़ा के पोस्ट मास्टर प्रीतपाल सिंह ने मंगलवार को बताया कि 50 ग्राम तक के दस्तावेजों के लिए स्थानीय डिलीवरी पर 19 रुपये का शुल्क लिया जायेगा, जबकि 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए 47 रुपये की एक फ्लैट दर लागू होगी। 51 से 250 ग्राम के बीच के दस्तावेजों के लिए, टैरिफ स्थानीय स्तर पर 24 रुपये से लेकर 2,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए 77 रुपये तक होगा, और 251 से 500 ग्राम के बीच के लोगों के लिए स्थानीय स्तर पर 28 रुपये और सबसे लंबी दूरी के लिए 93 रुपये तक का खर्च आयेगा।विश्वसनीयता और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, इंडिया पोस्ट ने वैकल्पिक मूल्य वर्धित सेवायें भी शुरू की हैं, जिनमें पंजीकरण और वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित डिलीवरी शामिल है, दोनों की कीमत पांच रुपये प्लस वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) है। डाक विभाग द्वारा जारी व्यापक टैरिफ चार्ट से पता चलता है कि मूल्यवर्धित सेवाओं के संयोजन के आधार पर, समग्र लागत बुनियादी सेवाओं के लिए लगभग 22 रुपये से लेकर कई ऐड-ऑन वाली वस्तुओं के लिए 133 रुपये से अधिक हो सकती है।गौरतलब है कि भारतीय डाक अपनी पांच दशक पुरानी पंजीकृत डाक सेवा को एक अक्टूबर से बंद कर देगा, और इसे उन्नत डाक प्रौद्योगिकी पहल के तहत अधिक उन्नत स्पीड पोस्ट ढांचे के साथ मिला देगा। अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय पंजीकृत डाक की मांग में लगातार गिरावट के बाद लिया गया है, जो डिजिटल संचार के बढ़ते चलन और निजी कूरियर सेवाओं से प्रतिस्पर्धा के कारण है। दोनों सेवाओं को बनाये रखने से परिचालन लागत भी बढ़ गयी थी।
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