लखनऊ , दिसंबर 24 -- समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा में अब दो 'अध्यक्षीय इंजनों' के बीच 'डबल इंजन टकराहट 2.0' का नया अध्याय शुरू हो गया है।

श्री यादव ने कहा कि लखनऊ अध्यक्ष 2.0 द्वारा दिल्ली अध्यक्ष 2.0 के खिलाफ खोला गया मोर्चा पार्टी के भीतर गहराते असंतोष और अपमान की राजनीति को उजागर करता है।

बुधवार को पार्टी की तरफ से जारी बयान में श्री यादव ने कहा कि भाजपा में सात बार के सांसद और उम्र में वरिष्ठ नेता को पाँच बार के विधायक के सामने अपेक्षाकृत छोटा पद देकर अपमानित किया गया। यह बयान उसी तिरस्कार की प्रतिक्रिया है, जो भाजपा के भीतर दबे स्वर में लंबे समय से पनप रहा था। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि नए प्रदेश अध्यक्ष को दिल्ली का शीर्ष पद क्यों नहीं मिला और भविष्य में भी क्यों नहीं मिलेगा। यह भाजपा की भेदभावपूर्ण और वर्चस्ववादी सोच का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि भाजपा में जिन नेताओं का इस्तेमाल सत्ता तक पहुँचने के लिए किया जाता है, बाद में उन्हें हाशिये पर डाल दिया जाता है। यह पार्टी किसी को ऊपर चढ़ाकर सीढ़ी हटा लेती है, तो किसी को कुएँ में उतारकर रस्सी खींच लेती है। जब भाजपा अपने लोगों की सगी नहीं है, तो जिन्हें मजबूरी में अपनाया जाता है, उनकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा ने मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष जैसे पदों पर विभिन्न समाजों के लोगों को बैठाया जरूर है लेकिन वास्तविक अधिकार और सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कार (जीएसटी) से त्रस्त वणिक समाज आज खुद को उपेक्षित और अपमानित महसूस कर रहा है। मंदी ने व्यापार को चौपट कर दिया है, बच्चों के लिए न पारिवारिक कारोबार में भविष्य बचा है और न ही सम्मानजनक नौकरी, क्योंकि रोजगार भाजपा के एजेंडे में शामिल ही नहीं है।

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