तिरुवनंतपुरम , नवंबर 25 -- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में ऐतिहासिक 21,065 उम्मीदवारों को उतारा है।
केरल प्रदेश भाजपा महासचिव एडवोकेट सुरेश गोपी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केरल के इतिहास में भाजपा की सबसे बड़ी चुनावी सूची है। इस बार भाजपा 89.5 प्रतिशत सीटों पर लड़ रही है, जबकि पूरा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 93 प्रतिशत सीटों पर फैला हुआ है।
श्री गोपी ने कहा कि एक ओर जहां माकपा में सात बागी उम्मीदवार हैं, वहीं कांग्रेस में भी पांच बागी उम्मीदवार हैं। दूसरी ओर, राजग एक अनुशासित और संगठित गठबंधन के तौर पर चुनाव में उतरा है। उन्होंने माकपा पर पार्टी नेताओं और उम्मीदवारों के साथ घर-घर जाकर "महिला सुरक्षा पेंशन फॉर्म" नामक फॉर्म वितरित करके मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए सरकारी मशीनरी का उपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए चुनाव आयोग से अपील की कि जहां भी शिकायत हो, वहां माकपा के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कल्याणकारी पेंशन लाभार्थियों की वार्ड-स्तरीय बैठकें आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह कदम चुनावी हार के डर से उठाया गया है। उन्होंने कहा, "कल्याणकारी पेंशन मुख्यमंत्री या उनकी पार्टी की उदारता नहीं है। ये गरीबों का वाजिब हक है। पेंशन में देरी और परेशानी पैदा करने के बाद, सरकार अब इन योजनाओं का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है।"श्री गोपी ने चुनाव आयोग से मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए प्रशासनिक मशीनरी के दुरुपयोग को रोकने का आह्वान किया।कांग्रेस के आंतरिक संकट के संबंध में उन्होंने कहा कि राहुल मनकूटाथिल ने कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से बेनकाब कर दिया है तथा राष्ट्रीय महासचिव से लेकर केरल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता भी उनसे भिड़ने से डरते हैं।
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