होशियारपुर , अक्टूबर 10 -- पंजाब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर इस वर्ष राज्य में आयी विनाशकारी बाढ़ से निपटने में बड़े पैमाने पर कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और केंद्रीय आपदा राहत कोष का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष विजय सांपला ने राज्य सरकार के खिलाफ पार्टी का आरोपपत्र जारी किया और पंजाब में हाल में आयी बाढ़ के लिए उसे मानव निर्मित आपदा करार दिया। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 2023 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए श्री सांपला ने आरोप लगाया कि आप सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) का उपयोग अपने इच्छित उद्देश्यों के लिए करने में विफल रही और इसके बजाय इसे अन्य व्ययों में लगा दिया। उन्होंने कहा, ''कैग रिपोर्ट से स्पष्ट है कि आप सरकार ने अलग से एसडीआरएफ खाता नहीं रखा, जो वित्तीय नियमों के तहत अनिवार्य है।''श्री सांपला ने दावा किया कि बाढ़ की रोकथाम, राहत और पुनर्वास के लिए एसडीआरएफ के तहत आवंटित 12,589.59 करोड़ रुपये का उपयोग करने के बजाय, आप सरकार ने इसे सामान्य निधि में डाल दिया और इसे मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हेलीकॉप्टर यात्राओं, विलासितापूर्ण जीवन शैली और प्रचार अभियानों पर बर्बाद कर दिया।

उन्होंने कहा, " इस घोर कुप्रबंधन ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित लोगों को असहाय बना दिया है। मान सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि केंद्र द्वारा दिये गये 12,589.59 करोड़ रुपये कहां गये। पंजाब के लोगों को जानने का अधिकार है।"उन्होंने आरोप लगाया कि भारी बारिश की बार-बार चेतावनी और मौसम विभाग की ओर से पूर्व अलर्ट, साथ ही विशेषज्ञ रिपोर्टों और कई हजार करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के बावजूद, राज्य सरकार "अपने लोगों की रक्षा करने या प्रभावी राहत प्रदान करने में बुरी तरह विफल रही।"उन्होंने कहा कि मान सरकार ने 2023 की बाढ़ से कोई सबक नहीं सीखा, क्योंकि "कोई जांच पूरी नहीं हुई और कोई बड़ी सिफारिशें लागू नहीं की गयीं।"नदी तटबंधों और हेडवर्क्स के कथित कुप्रबंधन की ओर इशारा करते हुए,श्री सांपला ने कहा, "कई रिपोर्टों ने 2023 की बाढ़ के बाद पंजाब की नदियों पर 133 संवेदनशील बिंदुओं की पहचान की थी, लेकिन सुधारात्मक कदम उठाने के बजाय, सरकार ने अवैध रेत खनन को बढ़ावा दिया, जिससे तटबंध कमजोर हो गये और बड़े पैमाने पर दरारें पड़ गईं।"उन्होंने मान और उनके वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा पर बाढ़ की रोकथाम, राहत और पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए एसडीआरएफ फंड का "दुरुपयोग" करने का आरोप लगाया।

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