बेंगलुरु , अक्टूबर 08 -- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं बेंगलुरु के पूर्व पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने देश के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील पर अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगी है।
श्री राव ने अपनी टिप्पणी में वकील राकेश किशोर के कृत्य को "साहसी और सराहनीय" बताया था। उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत समझा गया है।
उन्होंने बुधवार को एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, "मेरी प्रतिक्रिया स्तब्ध और सदमे वाली थी कि एक व्यक्ति, उच्च शिक्षित, वृद्ध और अनुभवी होने के बावजूद एक भयानक और कानूनी रूप से गलत कार्य के परिणामों को पूरी तरह से जानते हुए भी ऐसा कदम उठा रहा है। मैंने न तो शीर्ष न्यायालय, न ही मुख्य न्यायाधीश या किसी समुदाय का अपमान किया है। अगर मेरे ट्वीट से किसी को गुस्सा आया है या ठेस पहुँची है, तो मुझे खेद है।"भाजपा नेता का यह स्पष्टीकरण कांग्रेस सहित राजनीतिक हलकों से न्यायपालिका के सदस्यों पर सार्वजनिक टिप्पणियों की संवेदनशीलता को उजागर करने वाली आलोचनाओं के बीच आया है।
इस बीच न्यायिक फैसलों के ख़िलाफ़ जनता में आक्रोश की घटनाएं जारी हैं। हाल ही में आरएसएस विचारक टी.जी. मोहनदास ने लोगों से "मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई के मुँह पर थूकने और उनकी गाड़ी रोकने" का आग्रह किया था।
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