लखनऊ , नवंबर 28 -- उत्तर प्रदेश में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि "भाजपा, उसके संगी-साथी और सरकार की तिकड़ी तथा चुनाव आयोग के कुछ भ्रष्ट तत्व पूरी चुनावी व्यवस्था का अपहरण कर रहे हैं।" उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे "इस सरेआम लूट" के खिलाफ एकजुट होकर लोकतंत्र की रक्षा करें।

शुक्रवार को पार्टी की तरफ से जारी बयान में अखिलेश यादव ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान बड़ी धांधली होने का गंभीर आरोप लगाते हुए सभी विपक्षी दलों के साथ-साथ एनडीए के सहयोगी दलों से भी भाजपा के "वोट कटवाने के महा-षड्यंत्र" के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो दल भाजपा को अपना सहयोगी मान रहे हैं, "सबसे पहले भाजपा उन्हीं का ख़ात्मा करेगी।" उन्होंने सभी देशवासियों से अपील की कि एसआईआर से जुड़ी "घपलेबाज़ी" को रोकना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

अखिलेश यादव ने कहा कि यह लोकतंत्र के साथ "धोखाधड़ी" है और इसके दूरगामी दुष्परिणाम होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि "आज वोट काटा जा रहा है, कल खेत, ज़मीन, मकान, राशन, जाति, आरक्षण और फिर खातों एवं मध्यवर्ग के लॉकर तक बात पहुँच जाएगी।" इसे उन्होंने देश को अंग्रेज़ों के समय से भी बदतर हालत में ले जाने वाली साज़िश बताया।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के कई जिलों में जिला अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी, एडीएम (इलेक्शन), एसडीएम (ईआरओ) और सुपरवाइजर बीएलओ पर दबाव बनाकर मतदाताओं के गणना प्रपत्र को जबरन "थर्ड ऑप्शन" में सबमिट करा रहे हैं। अखिलेश के मुताबिक, बीएलओ द्वारा पहले और दूसरे विकल्प के मानकों को पूरा करने वाले मतदाताओं को भी तीसरे विकल्प में डालने के कारण 9 दिसंबर 2025 को प्रकाशित होने वाले ड्राफ्ट रोल में करोड़ों मतदाताओं के नाम संदिग्ध श्रेणी में जा सकते हैं। इसके बाद ईआरओ की ओर से नोटिस भेजकर दस्तावेज़ मांगे जाएंगे और "ज्यादातर मतदाताओं के नाम अंतिम मतदाता सूची (7 फरवरी 2026) में डिलीट कर दिए जाएंगे।"अखिलेश यादव ने मांग की कि गणना प्रपत्र भरने में आ रही दिक्कतों के मद्देनज़र 9 दिसंबर को प्रस्तावित ड्राफ्ट रोल प्रकाशन को 3 माह आगे बढ़ाया जाए और पूरे प्रदेश में प्रक्रिया को नए सिरे से, नियमानुसार, दोबारा कराया जाए।

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