नयी दिल्ली , नवम्बर 28 -- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद सहित विभिन्न क्षेत्रीय चुनौतियों के बीच सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत बनाने के लिए सेनाओं सहित सभी संस्थाओं में व्यापक सुधारों पर जोर देते हुए कहा है कि ये विकल्प नहीं बल्कि रणनीतिक आवश्यकता है।
श्री सिंह ने शुक्रवार को यहां सेना द्वारा आयोजित सेमिनार 'चाणक्य डिफेंस डायलॉग' को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम दुनिया के माहौल और अपने पड़ोस की असलियत को देखते हैं, तो एक बात बहुत साफ़ हो जाती है, हम भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पुरानी व्यवस्था पर भरोसा नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, "दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है और खतरे जटिल रूप ले रहे हैं । इसीलिए सुधार अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक रणनीतिक ज़रूरत बन गए हैं।"श्री सिंह ने भारत को नए दौर के लिए तैयार करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इन सुधारों की बदौलत ही भारत सशक्त, सुरक्षित और विकसित बनेगा। उन्होंने कहा, "जब हम 'सुधार से बदलाव' की बात करते हैं, तो हम सिर्फ़ प्रक्रिया या नीति की बात नहीं कर रहे होते। हम सिर्फ़ मौजूदा हालात में बदलाव की बात नहीं कर रहे होते। हम भारत को एक नए दौर के लिए तैयार करने की बात कर रहे हैं जो इसे सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत में बदल देगा।"सुधारों के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "रिफॉर्म हमारे इंस्टीट्यूशन की एडैप्टेबिलिटी को मज़बूत करते हैं, हमारे सशस्त्र बलों की फुर्ती बढ़ाते हैं और देश को अपनी किस्मत खुद बनाने का विश्वास देते हैं।"श्री सिंह ने भारत के समक्ष आतंकवाद सहित विभिन्न चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा, " भारत एक ऐसे इलाके में रहता है जहाँ कई तरह की चुनौतियाँ सामने आती हैं - आतंकवाद, अराजक तत्वों को सीमा पार से समर्थन, ससीमाओं को बदलने की कोशिशें, मैरीटाइम प्रेशर और यहाँ तक कि सूचना युद्ध भी। ये मुश्किल हालात हैं जिनके लिए लगातार सावधानी और मकसद की साफ-सफाई की ज़रूरत होती है।"रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि सुरक्षित भारत के बिना हम विकसित भारत नहीं बना सकते। सशक्त भारत के बिना हम सुरक्षित भारत नहीं बना सकते। यही वह श्रृंखला है जो हमारी राष्ट्रीय उम्मीदों को एक साथ जोड़े रखती है। लेकिन बदलती दुनिया में इस श्रृंखला को मज़बूत बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 'रेज़िलिएंस' यानी किसी भी स्थिति के अनुसार ढलने तथा उससे निपटने की क्षमता विकसित करनी होगी।
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