बैतूल , नवंबर 30 -- मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में जनजातीय कार्य राज्यमंत्री दुर्गादास उइके के गृह क्षेत्र से एक नेत्रहीन आदिवासी दंपती की पेंशन वर्ष 2021 से बंद होने का मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत सराड के जंगल में रहने वाले 55 वर्षीय धाधु उइके और उनकी पत्नी सुशीला पिछले चार वर्षों से किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं पा रहे हैं। दोनों पेड़ों के नीचे जीवन बिताने को मजबूर हैं।
परिवार के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और समग्र आईडी सहित सभी आवश्यक दस्तावेज मौजूद हैं, लेकिन फिर भी न तो उन्हें पेंशन मिल रही है और न ही राशन कार्ड से अनाज। झोपड़ी में न बिजली है और न पानी की सुविधा। दंपती लकड़ियां बीनकर बेचकर जीवन यापन कर रहे हैं।
मामले की जानकारी मिलने पर राष्ट्रीय हिन्दू सेना के कार्यकर्ता बैतूल से करीब 18 किलोमीटर दूर जंगल में जाकर दंपती तक पहुंचे और उन्हें अनाज सहित आर्थिक सहायता प्रदान की।
राष्ट्रीय हिन्दू सेना के जिला अध्यक्ष अनुज राठौर ने इसे सरकारी योजनाओं की विफलता बताते हुए कहा कि सभी दस्तावेज होने के बावजूद दंपती चार साल से लाभ से वंचित हैं। संगठन ने तत्काल पेंशन और राशन सुविधा बहाल करने के लिए जनजाति कार्य विभाग से शिकायत की है।
हिन्दू सेना के प्रदेश अध्यक्ष दीपक मालवीय ने कहा कि जब शासन-प्रशासन ध्यान नहीं दे पाया, तब संगठन ने मानवीय आधार पर मदद का हाथ बढ़ाया। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय जनजाति आयोग, जनजाति मंत्रालय और जिला कलेक्टर बैतूल से भी की जाएगी, ताकि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो सके।
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