बैतूल , नवंबर 24 -- मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की पारंपरिक भरेवा/डोकरा कला ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपना परचम लहराया है।
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर तक आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बैतूल की प्रसिद्ध बेल मेटल हस्तकला को स्वयं सहायता समूह वर्ग में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। यह सम्मान राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत पंजीकृत बैतूल नगर पालिका के एक हस्तशिल्प स्वयं सहायता समूह को प्रदान किया गया है।
मेले में लगाए गए स्टॉल पर समूह की अध्यक्ष संगीता उईके, सदस्य सीमा नामदेव और सिटी मिशन मैनेजर अखिलेश चौहान ने भरेवा/डोकरा कला के विभिन्न एंटीक आइटम प्रदर्शित किए। बेल मेटल से बने इन उत्पादों में आकर्षक मूर्तियां, पारंपरिक आकृतियां, घरेलू सजावट की वस्तुएं और कलात्मक शोपीस शामिल थे, जिन्होंने देश-विदेश से आए दर्शकों और विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर खींचा। कला की विशिष्टता, डिजाइन की बारीकी और शिल्पकारों की रचनात्मकता को देखते हुए निर्णायक मंडल ने इस समूह को दूसरा पुरस्कार प्रदान किया।
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