बैकुंठपुर , नवंबर 27 -- छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर वनमण्डल में एक बार फिर जंगली हाथियों के दल को विचरण करते दिखाई देने के बाद वन विभाग अलर्ट हो गया है। वनमण्डल के अंतर्गत आने वाले सलवा परिक्षेत्र के कांदाबाड़ी गांव में विशेष रूप से कांदाबाड़ी बीट के जंगल-ग्रामीण सीमा क्षेत्र में 11 हाथियों का एक दल देखा गया। इनमें वयस्क और शिशु हाथी भी शामिल बताए जा रहे हैं। दल की मौजूदगी फिलहाल कांदाबाड़ी से लगे कांदाबाड़ी और आस-पास के वन क्षेत्र में देखी जा रही है, जिससे ग्रामीणों में कौतूहल के साथ-साथ सावधानी का वातावरण भी बन गया है।

जिला वन अधिकारी (डीएफओ) कार्यालय से गुरुवार को मिली जानकारी के मुताबिक हाथी दल की निगरानी के लिए विशेष टीम लगातार मौके पर तैनात है और 24 घंटे पेट्रोलिंग की जा रही है। मैदानी अमले को हाथियों की गतिविधि की पल-पल की रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुँचाने को कहा गया है। विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी, सुरक्षा सलाह और सतर्कता संदेश प्रसारित किए गए हैं, ताकि लोग किसी भी अनहोनी से बच सकें। वन विभाग ने यह भी साफ किया है कि हाथी दल से किसी भी रूप में छेड़छाड़ या उन्हें उकसाने की कोशिश न की जाए, अन्यथा सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

वन विभाग ने प्रभावित गाँवों के नागरिकों से अपील की है कि वे हाथी विचरण क्षेत्र की ओर न जाएँ, विशेष रूप से सुबह, शाम और रात्रि के समय जंगल किनारे अनावश्यक आवाजाही से बचें। खेत, तालाब, नदी-नाले और चारागाह क्षेत्र में काम करने वालों को भी अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। वन विभाग का कहना है कि हाथी स्वभावतः शांत तभी रहते हैं जब उन्हें मानव उपद्रव से दूर रखा जाए, इसलिए ग्रामीण धैर्य बनाकर रखें और किसी भी स्थिति में पत्थर फेंकने, शोर करने, पटाखे जलाने या हाथियों को खदेड़ने जैसी गतिविधियों में शामिल न हों।

ग्रामीणों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों, स्थानीय युवाओं और स्व-सहायता समूहों का भी सहयोग लिया जा रहा है। विभाग द्वारा बच्चों और बुज़ुर्गों को विशेष रूप से जंगल किनारे खेलने या अकेले आने-जाने से रोकने के लिए पारिवारिक स्तर पर सावधान करने को कहा गया है।

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