बेमेतरा , अक्टूबर 14 -- छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मंगलवार को साइबर जन जागरूकता पखवाड़ा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर साइबर जन जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो पूरे जिले में भ्रमण कर लोगों को साइबर अपराधों से बचाव की जानकारी देगा। राज्य में यह अभियान 10 अक्टूबर से 10 नवंबर 2025 तक चलाया जा रहा है।
कार्यक्रम के तहत आज जिले के ग्राम कापा, मारो, कोदवा, सहसपुर एवं देवरबीजा में जागरूकता अभियान चलाया गया, जहां ग्रामीणों, बाजार आने-जाने वालों और आम नागरिकों को साइबर अपराधों से बचने के उपाय बताए गए। साइबर जन जागरूकता रथ के माध्यम से पोस्टर, बैनर, पंपलेट वितरित किए गए तथा "हमर पुलिस हमर गांव" और "हमर पुलिस हमर बाजार" अभियान के तहत चौपाल लगाकर लोगों से संवाद स्थापित किया गया। थाना साजा, चौकी मारो, देवरबीजा, देवकर एवं यातायात शाखा के पुलिसकर्मियों - चौकी प्रभारी जितेन्द्र कश्यप, रेशम लाल भास्कर, उदल राम टांडेकर, प्रधान आरक्षक विजेन्द्र सिंह, पवन सिंह, अनंत कोठारी, विजय साहू, पुरूषोत्तम पटेल तथा हुलेश साहू के नेतृत्व में विभिन्न ग्रामों में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
पुलिस अधिकारियों ने उपस्थित ग्रामीणों को बताया कि वह अपने बैंक, एटीएम, क्रेडिट कार्ड या आधार कार्ड की जानकारी किसी अजनबी से साझा न करें। न ही किसी भी प्रकार का ओटीपी को अन्य किसी को बताएं। अनजान कॉल या लिंक पर क्लिक न करें और किसी अज्ञात वीडियो कॉल को रिसीव न करें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के साइबर फ्रॉड की स्थिति में राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टनल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायें।
इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफार्म, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, गूगल सर्च इंजन के माध्यम से होने वाले साइबर अपराधों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई।
इसके साथ ही आमजन को "नशा मुक्त जीवन" की शपथ दिलाई गई। उपस्थित सभी लोगों ने "जिंदगी को हाँ, नशे को ना" का संकल्प लिया और समाज में नशामुक्ति का संदेश फैलाने का प्रण किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नशा न केवल स्वास्थ्य बल्कि परिवार और समाज दोनों को प्रभावित करता है, इसलिए सभी को इसके विरुद्ध एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।
अभियान के दौरान महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, मोबाइल से जुड़े अपराध, तथा लैंगिक शोषण की रोकथाम जैसे विषयों पर भी जानकारी साझा की गई। ग्रामीणों को असामाजिक तत्वों, अवैध कारोबारी गतिविधियों और फर्जी चमकाने वाले गिरोहों पर नजर रखने की अपील की गई। साथ ही लोगों को यातायात नियमों का पालन, वाहनों में हेलमेट पहनने और मालवाहक वाहनों में सवारी न बैठाने की भी सलाह दी गई।
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