बीकानेर , नवम्बर 23 -- केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि किसी भी समाज की असली शक्ति उसकी बेटियां होती हैं, जब किसी गांव की बेटियां उठकर मैदान में उतरती हैं, चुनौतियों को मात देती हैं तो वह गांव केवल गांव नहीं रह जाता, वह एक आंदोलन बन जाता है।
श्री शेखावत ने रविवार को राजस्थान में बीकानेर के ढींगसरी गांव में मगन सिंह राजवी फुटबॉल अकादमी और गर्ल्स हॉस्टल का उद्घाटन करने के बाद सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में ढींगसरी की बेटियां अंडर-17 राष्ट्रीय चैंपियन बन चुकी हैं, जिन्होंने राजस्थान को 60 साल बाद टियर-2 चैंपियन बनाया है। यहां की 35 से अधिक बेटियां राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुई हैं, जो अत्यंत प्रेरणादायक है। सबसे विशिष्ट ढींगसरी की 16 वर्षीय बेटी मन्नू भाभू अब भारत की सीनियर फुटबॉल टीम की गोलकीपर बनकर पूरे देश का नाम रोशन कर रही है।
उन्होंने कहा कि अकादमी की संजू कंवर राजवी, हंसा कंवर राजवी और दुर्गा कंवर राजवी को इंडिया टीम कैंप में जाने का अवसर मिलना भी एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल उनके अकेले की नहीं, यह यात्रा पूरे गांव की शक्ति का प्रतीक है।
उन्होंने बेटियों के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि जिन बेटियों ने भारत का तिरंगा ऊंचा किया है, उन्होंने कभी बिना जूतों के खेला, कभी मैदान नहीं देखा था, लेकिन उनके सपनों में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम भरे हुए थे और यही सपने उन्हें इस मुकाम तक लाए हैं। शेखावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को दोहराते हुए कहा कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' केवल एक योजना नहीं है, अपितु यह राष्ट्र के भविष्य की सुरक्षा है। ढींगसरी ने इस संदेश को जमीनी स्तर पर उतार कर प्रमाणित किया है।
उन्होंने ढींगसरी की इस प्रगति में भामाशाहों के योगदान को किसी वरदान से कम नहीं बताया। देवी सिंह भाटी, अंशुमान सिंह भाटी, सुभाष भरूआ और बीकाजी समूह के दीपक अग्रवाल केवल दानदाता नहीं हैं, ये ढींगसरी की बेटियों के अभिभावक हैं, जिन्होंने अपने हृदय का दरवाजा इस गांव के लिए खोल दिया। उनके कारण, जहां कभी धूल उड़ती थी, अब वहां तीन हरे-भरे मैदान खड़े हैं।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित