पटना, सितंबर 28 -- भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले उपचुनावों के लिये 470 वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती केंद्रीय प्रेक्षक के रूप में करने का निर्णय लिया है।
इनमें भारतीय प्रशसनिक सेवा के 320, भारतीय पुलिस सेवा के 60 और 90 अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारी शामिल हैं। ये प्रेक्षक बिहार के साथ- साथ जम्मू- कश्मीर के बडगाम और नगरोटा, राजस्थान के अंता, झारखंड के घाटशिला, तेलंगाना के जुबली हिल्स, पंजाब के तरनतारन, मिजोरम के डम्पा और ओडिशा के नुआपाड़ा में हो रहे उपचुनावों की निगरानी करेंगे।
सभी प्रेक्षक नियुक्ति के बाद से लेकर चुनावी प्रक्रिया की समाप्ति तक चुनाव आयोग के अधीन, नियंत्रण और अनुशासन में कार्य करेंगे। उन्हें चुनाव की निष्पक्षता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आयोग ने कहा है कि ये अधिकारी उसके 'आंख और कान' के रूप में कार्य करते हैं और समय- समय पर रिपोर्ट भेजते रहते हैं।
आयोग ने प्रेक्षकों की भूमिका और जिम्मेदारी तय किया है। इसके तहत सामान्य प्रेक्षक निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाये रखने, व्यवस्थाओं की निगरानी और प्रशासनिक समन्वय के लिये जिम्मेदार होंगे।
वहीँ पुलिस प्रेक्षक कानून- व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखेंगे और सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे और व्यय प्रेक्षक उम्मीदवारों की ओर से किये जा रहे चुनावी खर्च की निगरानी करेंगे, जिससे चुनाव में अवैध धनबल और संसाधनों के दुरुपयोग को रोका जा सके।
चुनाव आयोग ने बताया है कि प्रेक्षक अपने प्रशासनिक अनुभव और सीनियरिटी के बल पर क्षेत्रीय स्तर पर चुनावी व्यवस्था की निगरानी करेंगे और आवश्यक सुधारों की पहचान कर ठोस सुझाव देंगे। इसके अलावा ये अधिकारी मतदाताओं में जागरूकता फैलाने और चुनावी भागीदारी को बढ़ाने में भी सहायक होंगे।
चुनाव आयोग ने इस कदम को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव संपन्न कराने की दिशा में एक अहम पहल बताया है।
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