पटना., सितंबर 30 -- बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने मंगलवार को आरोपलगाया है कि हाल ही में बिहार में हुई मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया शुरू से ही छलावा रही है।

श्री राम ने बयान जारी कर बताया कि हाल ही में बिहार में हुई एसआईआर शुरू से ही एक छलावा रही है। उन्होंने कहा कि यह वह प्रक्रिया थी जिसकी न तो जनता, न ही राजनीतिक दलों ने कोई माँग की थी। इसके बावजूद इसे इतनी लापरवाही और अपारदर्शिता के साथ किया गया कि बार-बार भारत के सर्वोच्च न्यायालय को दखल देना पड़ा, जिससे कम-से-कम प्राकृतिक न्याय के बुनियादी सिद्धांतों का पालन तो हो सके।

अब चुनाव आयोग के ज्ञानेश गुप्ता इसे सफल बता रहे हैं, जबकि वास्तव में इसकी निष्पक्षता और पारदर्शिता सवालों के घेरे में है। हमारे कार्यकर्ता पूरे राज्य में इस बात का गहन मूल्यांकन करेंगे कि एसआईआर के जरिए कितने नाम सूची से हटाए गए और कितने नाम जोड़े गए। यह मुद्दा यहीं समाप्त नहीं होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यहाँ यह उल्लेखनीय है कि लगभग 65 लाख नाम ड्राफ्ट सूची से हटाए गए थे , जबकि केवल करीब 21.53 लाख नए नाम जुड़े। यानी हटाए गए नामों की संख्या बहुत अधिक है और यह गंभीर चिंतन का विषय है। उन्होंने कहा कि कई पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से इरादतन काटे गए। एसआईआर की प्रक्रिया की पारदर्शिता, निष्पक्षता और लोकतांत्रिक भावना की सफलता का परीक्षण केवल काग़जों पर नहीं, बल्कि जमीनी सच्चाई और मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा के संदर्भ में किया जाएगा।हम सभी कार्यकर्ताओं, नागरिकों और राजनीतिक दलों से अपील करते हैं कि इस तथाकथित "सफल" प्रक्रिया का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन करें, जिससे एक भी पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची से न छूटे।हम मतदाताओं के हक की लड़ाई अंतिम दम तक लड़ेंगे ।

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