पटना , दिसंबर 24 -- बिहार में वाहनों के पंजीकरण (आरसी) और चालक अनुज्ञप्ति (डीएल) से होने वाले राजस्व संग्रहण के मामले में कई जिलों में गंभीर खामियां सामने आई हैं।

राज्य के अनेक जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ), सहायक जिला परिवहन पदाधिकारी (एडीटीओ), मोटर वाहन निरीक्षक (एमवीआई) और ईएसआई स्तर लक्ष्य से काफी कम राजस्व वसूली होने पर परिवहन एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कड़ी नाराजगी जताई है।

बुधवार को विभागीय अधिकारियों के साथ हुई समीक्षात्मक बैठक में यह खुलासा हुआ कि डीटीओ स्तर पर पटना, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, छपरा, भागलपुर, रोहतास, नवादा, सुपौल, सीतामढ़ी, भोजपुर समेत कुल 14 से अधिक जिलों में लक्ष्य के मुकाबले काफी कम राजस्व वसूली हुई है। वहीं, एडीटीओ स्तर पर मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, किशनगंज, पटना, बांका समेत 17 जिलों का प्रदर्शन बेहद कमजोर पाया गया।

समीक्षा बैठक में यह भी सामने आया कि 21 जिलों में एमवीआई स्तर भी लक्ष्य से काफी कम राजस्व संग्रह हुआ है, जबकि ईएसआई स्तर पर 15 अनुमंडलों में भी लक्ष्य कम उपलब्धि दर्ज की गई। इस पर मंत्री ने संबंधित डीटीओ, एडीटीओ, एमवीआई और ईएसआई को तत्काल कारण बताने का निर्देश दिया है और स्पष्ट किया है कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।

मंत्री श्री कुमार ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुये कहा है कि लंबित ड्राइविंग लाइसेंस, वेरिफिकेशन और अप्रूवल से जुड़े सभी मामलों का निपटारा एक सप्ताह के भीतर किया जाये। इसके साथ ही आरसी और डीएल के वितरण के लिये विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया गया है, जिससे आम लोगों को अनावश्यक परेशानी न हो और विभागीय राजस्व में भी सुधार आये।

उन्होंने कहा है कि अब विभागीय कार्यों की प्रगति पर नियमित नजर रखी जायेगी और इसके लिये प्रत्येक सप्ताह समीक्षा बैठक आयोजित की जायेगी। मंत्री श्री कुमार ने स्पष्ट किया कि लक्ष्य पूरा नहीं करने और काम में ढ़िलाई बरतने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जायेगा।

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