रायपुर , दिसम्बर 29 -- आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष उत्तम जायसवाल ने छत्तीसगढ़ सरकार और बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में आम जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जबकि पूंजीपतियों और सरकारी विभागों को खुली छूट दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरप्लस बिजली उत्पादन वाले राज्य में प्रीपेड स्मार्ट मीटर के माध्यम से आम लोगों की बिजली काटना दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि करोड़ों रुपये के बकाया के बावजूद बड़े उद्योगों और सरकारी विभागों की बिजली आपूर्ति निर्बाध जारी है।
उत्तम जायसवाल ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग वर्षों से चल रही आपातकालीन कार्यों और नए कनेक्शन से जुड़ी निविदा प्रक्रिया में अचानक बदलाव कर रहा है। अव्यवहारिक और जटिल नियम बनाकर निविदाओं की दरें विभाग खुद तय कर रहा है, जिससे गिनती के ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले जिन कार्यों में ऑनलाइन निविदा के जरिए 25 से 30 प्रतिशत कम दरों पर काम होता था, उन्हें अब केवल 5 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है, जिससे विभाग को नुकसान और ठेकेदारों को फायदा हो रहा है।
प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गा झा और प्रदेश सचिव अनुषा जोसेफ ने संयुक्त बयान में कहा कि 5767 पूंजीपतियों से लगभग 119 करोड़ रुपये और 34 सरकारी विभागों से करीब 3100 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है, जिसे वर्षों से वसूल नहीं किया जा सका है। इसके विपरीत, गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के कुछ सौ रुपये के बकाया पर बिना पर्याप्त समय दिए कनेक्शन काटे जा रहे हैं।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी, रायपुर लोकसभा अध्यक्ष अजीम खान और रायपुर जिलाध्यक्ष नवनीत नन्दे ने चेतावनी दी कि यदि जनविरोधी फैसले और ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने वाली निविदा व्यवस्था वापस नहीं ली गई, तो आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन करेगी।
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