फिरोजाबाद , नवंबर 27 -- पूज्य संत बाबा नीव करोरी महाराज के 125वें दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने अपनी ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा है भवन नीम करोली महाराज पूरे भारत और विश्व भर में अपने निस्वार्थ प्रेम करना विनम्रता और सेवा के संदेश के लिए पूजनीय है।
संत भगवान हनुमान के परम भक्त थे। दुनिया में उनके द्वारा सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया जिन भी व्यक्तियों के जीवन को उन्होंने स्पष्ट किया यह सशक्त सत्य का प्रमाण है जो सच्ची करुणा हृदयो और समुदायों को बदलने की शक्ति रखती है। राष्ट्रपति ने अपने पत्र में अपेक्षा की है कि उनके मार्गदर्शक समाज को अधिक करुणामय और समावेशी बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करते रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोरी महाराज को भारत की आध्यात्मिक विरासत का दुर्लभ रत्न बताते हुए उन्होंने अपने संदेश में कहा है की बाबा नीब करोरी महाराज का जीवन सत्य और करुणा के मार्ग को अलौकिक करता है। बाबा नीब करौरी महाराज जी ऐसे ही आध्यात्मिक प्रकाशपुंज हैं, जिनका प्रभाव राष्ट्रीयता, संस्कृति, भाषा और विश्वास की सीमाओं से परे जाता है।
बाबा नीब करौरी महाराज जी ने असंख्य हृदयों में जीवन के उच्च उद्देश्य को जागृत किया, उन्हें सभी प्राणियों के प्रति निःशर्त प्रेम के जीवन की ओर प्रेरित किया। बाबा नीब करौरी महाराज जी की शिक्षाओं ने मानवता को स्मरण कराया कि सच्चा ज्ञान संसार से भागने में नहीं, बल्कि संसार के साथ सक्रिय और करुणापूर्वक जुड़ने में निहित है।
बाबा नीब करौरी महाराज जी का सार्वभौमिक संदेश सामंजस्य और एकत्व का था। उन्होंने सिखाया कि दिव्यता हर हृदय में निवास करती है और सच्ची शांति भीतर ही मिलती है। निःस्वार्थ सेवा के जीवन द्वारा उन्होंने पुनः पुष्टि की कि मानवता की सेवा करना ही सर्वोच्च उपासना है । एक ऐसा सत्य जो समय और संस्कृतियों के पार हर किसी को प्रेरित करता आ रहा है।
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