वाराणसी , दिसंबर 26 -- बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों और युवा दीपू दास की नृशंस हत्या के विरोध में शुक्रवार को काशी का संत समाज एकजुट होकर सड़कों पर उतरा।

काशी संत समाज के बैनर तले आयोजित इस विशाल पदयात्रा और विरोध सभा के माध्यम से संतों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई। इस दौरान संतों ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं पर रोष व्यक्त किया। रथयात्रा से दशाश्वमेध तक निकला आक्रोश मार्च हाथों में दीपू दास के न्याय की मांग वाली तख्तियां लिए संतों का यह समूह सनातन धर्म के जयघोष और आक्रोश भरे नारों के साथ दशाश्वमेध घाट पहुंचा।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से महामंडलेश्वर स्वामी प्रणव चैतन्यपुरी जी महाराज, ब्रह्मचारी दिव्य चैतन्य जी महाराज, स्वामी जितेन्द्रानंद जी महाराज, स्वामी राधवानंद जी महाराज, स्वामी अनघानंद जी महाराज, स्वामी बालक दास जी महाराज, स्वामी जगदीश्वरानंद दास जी महाराज, ऋषिकेश ब्रह्मचारी संयोजन स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज तथा स्वामी सोहम चैतन्यपुरी जी महाराज शामिल रहे। इनके अतिरिक्त काशी के अन्य गणमान्य महात्माओं ने भी अपने ओजस्वी भाषणों से बांग्लादेश में हो रही हिंसा की कड़ी निंदा की।

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