जगदलपुर , दिसम्बर 01 -- छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के अंदरूनी और दूरस्थ इलाकों में शिक्षा की तस्वीर तेजी से बदल रही है।

कई वर्षों तक घने जंगलों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां के प्राथमिक तथा माध्यमिक विद्यालय आधुनिक संसाधनों से दूर रहे, लेकिन अब क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की मजबूत नींव रखी जा रही है। प्रशासन की सामूहिक पहल और समाज की सक्रिय भागीदारी से सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की स्थापना का सपना साकार होने लगा है। इस बदलाव को शिक्षा के भविष्योन्मुखी विस्तार का सबसे महत्वपूर्ण चरण माना जा रहा है, जिसका सीधा लाभ गांवों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलेगा।

जिला जनसम्पर्क अधिकारी (पीआरओ) से मिली जानकारी के मुताबिक,आयुक्त डोमन सिंह और कलेक्टर हरिस एस. के नेतृत्व में शुरू किए गए इस अभियान ने पूरे संभाग में शिक्षा के डिजिटलीकरण को जन-आंदोलन का रूप दे दिया है। कुछ समय पहले आयुक्त ने समाज के हर वर्ग से अपील की थी कि बस्तर के बच्चों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने के लिए आगे आएं। इस अपील का असर अत्यंत सार्थक रहा और कुछ ही दिनों में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों ने स्कूलों के लिए टेलीविजन सेट दान करना शुरू कर दिया। यह पहल बताती है कि शिक्षा के विकास में जब समाज और सरकार एक साथ खड़े होते हैं, तो सबसे कठिन चुनौतियों का भी समाधान संभव हो जाता है।

दान किए गए टेलीविजन अब सरकारी विद्यालयों में बनने वाली स्मार्ट कक्षाओं की मुख्य आधारशिला बनेंगे। इन कक्षाओं में पारंपरिक ब्लैकबोर्ड शिक्षण के साथ-साथ डिजिटल वीडियो, एनिमेटेड पाठ सामग्री, शिक्षण मॉड्यूल और इंटरैक्टिव कंटेंट के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी।

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