जगदलपुर , नवंबर 28 -- छत्तीसगढ़ के बस्तर में झीरझ में 2010 में हुए नक्सली हमले का मास्टर माइंड श्याम दादा उर्फ चैतु सहित 10 नक्सलियों ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया और समाज के मुख्य धारा में शामिल हो गये।
बस्तर रेंज पुलिस महानिरीक्ष के कार्यालय की ओर से शुक्रवार की रात को बताया गया कि गीरेड्डी पवनानंद उर्फ चैतु उर्फ श्याम दादा ने साल 1985 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ था। साल 1992-92 महाराष्ट्र के गोंदिया इलाके में काम किया,यहां के बाद चैतु को दंडकारण्य इलाके में सक्रिय किया गया। दलम और कमांडर के रूप में काम कर चुके श्याम दादा उर्फ चैतु को डिविजनल समिति में लिया गया। वर्तमान में इस नक्सली के कंधे दरभा घाटी की जिम्मेदारी थी।
इस नक्सली को झीरम घाटी हमले का मास्टर माइंड माना जाता है। गौरतलब है कि दरभा घाटी इलाके के झीरम में 25 मई 2013 को नक्सलियों ने हमला करके कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नन्दकुमार पटेल उनके पुत्र आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा सहित कई अन्य नेताओं की हत्या कर दी थी। कथित तौर पर नक्सलियों ने श्री कर्मा की मौत के बाद उनकी लाश के चारों ओर घूम - घूमकर डांस किया था।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सक्रिय रहे दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिती (डीकेएसजेडसी) के सदस्य चैतू उर्फ श्याम दादा समेत 10 माओवादियों ने शुक्रवार शाम पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। चैतू पर राज्य सरकार द्वारा 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था और उसे संगठन का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता है। आत्मसमर्पण करने वालों में सरोज उर्फ सरोज दादा पर आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसके अलावा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में भूपेश उर्फ राम, प्रकाश, कमलेश उर्फ झितरु, जननी उर्फ रयमती कश्यप, संतोष उर्फ सन्नू, नवीन और नवीन (सभी एसीएम कैडर), साथ ही रमशीला तथा जयती कश्यप (पीएम कैडर) शामिल हैं। इन 10 माओवादियों पर कुल 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
श्री सुंदरराज ने कहा, "माओवादी कैडरों में निरंतर टूट और आंतरिक असंतोष साफ़ दिखाई दे रहा है। सरकार और पुलिस की अपील और पुनर्वास नीति के कारण प्रभावित साथी हिंसा छोड़ मुख्यधारा चुन रहे हैं।" उन्होंने कहा, "यह संकेत साफ है कि युवाओं और कैडरों में बहकाने वाली विचारधारा का प्रभाव कमजोर पड़ रहा है, और अब जीवन के अवसर परिवार तथा सम्मान की चाह उन्हें शांति की राह दिखा रही है।"इस दौरान पुलिस अधीक्षक (एसपी) शलभ सिन्हा, एसपी शलभ सिन्हा, प्रशासनिक अधिकारी तथा केंद्रीय सुरक्षा बलों के अफसर मौजूद रहे थे।
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