कोलकाता , दिसंबर 21 -- पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने केंद्रीय सरकारी एजेंसियों और राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय समन्वय बैठक की, ताकि राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की सुनवाई के दौरान सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की तैनाती की जा सके।

सीईओ कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी चर्चा के दौरान उपस्थित थे। अधिकारियों के अनुसार, सभी 16 प्रतिभागी एजेंसियों एवं बैंकों ने इस अभ्यास के लिए अपने अधिकारियों को भेजने की इच्छा व्यक्त की है।

एजेंसियों से रविवार तक मनोनीत अधिकारियों के नाम जमा करने की अपेक्षा की गई है जिसके बाद सोमवार को नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे। चयनित अधिकारियों को बुधवार को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होना होगा।

चुनाव आयोग पूरे राज्य में लगभग 3,500 सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की तैनाती करने की योजना बना रहा है, वहीं सुनवाई के दौरान किसी भी अतिरिक्त आवश्यकता को पूरा करने के लिए लगभग 4,000 से 4,500 अधिकारियों को रिजर्व रखने की तैयारी चल रही है।

बैठक में कोल इंडिया, दामोदर वैली कॉर्पोरेशन, आयकर विभाग, सीजीएसटी, सीमा शुल्क, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, भारतीय रिजर्व बैंक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक, कोलकाता स्थित यूको बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख, मुख्य डाक महानिरीक्षक कार्यालय, एसएआईएल, आईआईएससीओ, डीएसपी, पूर्वी रेलवे, दक्षिण पूर्वी रेलवे, मेट्रो रेलवे, बाल्मर लॉरी, एलआईसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ कई अन्य बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

चुनाव आयोग पहले ही केंद्रीय सरकारी अधिकारियों को सूक्ष्म पर्यवेक्षकों के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दे चुका है जिसमें प्रत्येक अधिकारी को सुनवाई प्रक्रिया की निगरानी के लिए 30,000 रुपये का मानदेय मिलेगा।

सूक्ष्म पर्यवेक्षकों को चुनाव पंजीकरण अधिकारियों एवं सहायक चुनावी पंजीकरण अधिकारियों द्वारा की जाने वाली सुनवाई की निगरानी करने का कार्य सौंपा जाएगा।

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