अगरतला , नवंबर 30 -- त्रिपुरा में पड़ोसी देश बंगलादेश से धार्मिक प्रचारकों के आने और इससे इलाके में कट्टरता बढ़ने की आशंकाओं से निपटने के लिए राज्य की पुलिस दूसरे सुरक्षा बलों के साथ मिलकर काम कर रही है।
त्रिपुरा पुलिस सीमावर्ती इलाकों में बढ़ते कथित कट्टरपंथ से निपटने के लिए इस योजना पर काम कर रही है। गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार, कई धार्मिक उपदेशक पर्यटन और मेडिकल वीज़ा लेकर भारत में प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद त्रिपुरा और दूसरे बॉर्डर वाले राज्यों में धार्मिक कार्यों में हिस्सा भी ले रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "अभी राज्य में कट्टरपंथी कार्यों के कोई साफ संकेत नहीं हैं, लेकिन कट्टर धार्मिक प्रचार, तब्लीगी जमात ग्रुप की कार्रवाई, और धार्मिक प्रचारकों का बॉर्डर पार आना-जाना जारी है।"त्रिपुरा के सीमावर्ती इलाकों में 11 उपखंड शामिल हैं। ये अलग-अलग धार्मिक समुदायों के ठिकाने हैं। बंगलादेश के चटगांव, फेनी, कोमिला, ब्राह्मणबरिया, हबीबगंज और मौलवीबाजार जैसे सांप्रदायिक और जातीय रूप से संवेदनशील जिलों से लोगों का आना-जाना काफी ज़्यादा लगता है, जिससे अक्सर राज्य में जातीय और सांप्रदायिक तनाव पैदा होता है।
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