लखनऊ , नवंबर 27 -- स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उत्तर प्रदेश ने नशीली कोडीन मिश्रित दवाओं की अवैध तस्करी और व्यापार करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के एक सक्रिय सदस्य को लखनऊ के ग्वारी चौराहे से गुरुवार को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एसटीएफ की लखनऊ इकाई ने सीओ एसटीएफ के निर्देशन में की। गिरफ्तार आरोपी की पहचान अमित कुमार सिंह उर्फ़ अमन टाटा निवासी जनपद जौनपुर के रूप में हुई है।
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी से पूछताछ में पता चला कि वह झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और बांग्लादेश तक फैले बड़े नेटवर्क का हिस्सा है, जो फेनसिडिल कप सिरप और कोडीन युक्त अन्य दवाओं को नशे के रूप में बेचने का काम करता है। ये दवाएं आमतौर पर प्रतिबंधित हैं तथा पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की कड़ी निगरानी में रहती हैं।
गिरफ्तारी के दौरान आरोपी के पास से दो मोबाइल फोन, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड सहित अन्य दस्तावेज, 4500 नकद बरामद किए गए। एसटीएफ ने बताया कि गिरोह लंबे समय से प्रतिबंधित फेनसिडिल कप सिरप की अवैध खरीद-फरोख्त में सक्रिय था और विभिन्न राज्यों में छोटे तस्करों को यह सप्लाई की जाती थी।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका संबंध ग्राम नरवे आजमगढ़ निवासी विकास सिंह से हुआ, जिसने उसे शुभम जायसवाल के जरिए इस नेटवर्क में जोड़ा। शुभम जायसवाल और उसका गिरोह झारखंड में कप सिरप की बड़ी खेप तैयार करवाकर उसकी आपूर्ति करते थे। बनारस स्थित देवराज मेडिकल एजेंसी से नकली दवाओं का फार्मूला हासिल कर यह गिरोह बोतलों, रैपर और सीलिंग मशीन की मदद से फर्जी फेनसिडिल तैयार करता था।
आरोपी ने यह भी खुलासा किया कि इस नेटवर्क का संचालन कई राज्यों में फैले तस्करों के माध्यम से होता है। तैयार फर्जी सिरप को ट्रक व कंटेनर के जरिए बिहार, असम और बंगाल के रास्ते बांग्लादेश तक भेजा जाता था। इसके बदले गिरोह को मोटी रकम मिलती थी। कई बार बोतलों की खेप बदलने के लिए नकली लेबल और ढक्कन तैयार कराए जाते थे, जिससे पकड़ में आने की संभावना कम हो जाती थी।
गिरफ्तार आरोपी के विरुद्ध विभिन्न जनपदों में दर्ज 7 संगीन मामले दर्ज हैं, जिनमें एनडीपीएस, फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और अन्य प्रकरण शामिल हैं। एसटीएफ ने आरोपी को जेल भेजते हुए नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश तेज कर दी है।
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