लिस्बन , अक्टूबर 05 -- पुर्तगाल के लिस्बन शहर में शनिवार को 3,000 से ज़्यादा लोग फ़िलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने और गाज़ा में मानवीय सहायता पहुँचाने की कोशिश करने पर इज़रायल द्वारा हिरासत में लिए गए तीन पुर्तगाली नागरिकों की रिहाई की माँग को लेकर प्रदर्शन किया।

पुलिस ने कहा कि रैली के दौरान आयोजकों की उम्मीदों से कहीं ज़्यादा लोग इकट्ठा हुए। लगभग 500 लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन अंततः भीड़ लगभग 3,000 तक पहुँच गयी।

रैली में भाग लेने वालों में पूर्व वामपंथी ब्लॉक नेता फ़्रांसिस्को लौका और कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एंटोनियो फ़िलिप भी शामिल थे।

लूसा समाचार एजेंसी से बात करते हुए श्री लौका ने कहा कि फ़िलिस्तीनी मुद्दों के लिए आंदोलन 'दुनिया भर में व्यापक पैमाने पर' हो रहा है। उन्होंने कहा, "इज़रायली सरकार के ख़िलाफ़ इस आंदोलन को रोकना असंभव है, जैसा कि पूरे यूरोप में हो रहे प्रदर्शनों में देखा जा रहा है।"फ़िलिस्तीन के सामाजिक कार्यकर्ता सेरेना सबात ने संबोधित किया और फ़िलिस्तीनी नागरिकों के ख़िलाफ़ चल रही कार्रवाइयों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ऐसी स्थितियों को जारी न रहने देने का आग्रह किया।

इज़रायल द्वारा हिरासत में लिए गए तीन पुर्तगाली नागरिक मारियाना मोर्टागुआ, अभिनेत्री सोफिया अपारिसियो और कार्यकर्ता मिगुएल डुआर्टे हैं। इन लोगों को इज़रायली नौसेना के जवानों ने गाजा में मानवीय सहायता पहुँचाने के दौरान ग्लोबल सुमुद फ़्लोटिला में रोका था और हिरासत में ले लिया था।

पुर्तगाली अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हिरासत में लिए गए नागरिकों को तेल अवीव स्थित दूतावास के माध्यम से कांसुलर सहायता प्रदान की जा रही है।

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