चेन्नई , नवंबर 25 -- तमिलनाडु में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी), चेन्नई उत्तर आयुक्तालय ने एक बड़े फर्जी अंतर-राज्यीय जीएसटी चालानरैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले की शुरुआती जांच में 50 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है और एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, सीजीएसटी मुख्यालय निवारक इकाई, चेन्नई के अधिकारियों ने फर्जी चालानों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से लाभ उठाने और आगे हस्तांतरित करने वाले एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है। यह सब माल की वास्तविक आवाजाही के बिना किया जा रहा था।
चेन्नई में एक गैर-पंजीकृत टैक्स कंसल्टेंसी फर्म, मेसर्स ए.एस.एसोसिएट्स संचालित करने वाले एक प्रमुख व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
इस फर्जी चालान नेटवर्क ने व्यक्तियों के पहचान प्रमाण-पत्रों का उपयोग करके तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों में 95 से अधिक फर्जी कारोबार कंपनी बना रखी थीं।
चेन्नई उत्तर से संबंधित 12 संस्थाओं के संबंध में अब तक की प्रारंभिक जांच में 50.85 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने और इसे आगे हस्तांतरित करने का पता चला है।
अन्य अधिकार क्षेत्र से संबंधित शेष 83 संस्थाओं की जांच जारी है। ऐसा संदेह है कि कुल जीएसटी कर अपवंचन 350 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।
इस नेटवर्क की पहचान एडवांस डिजिटल-फुटप्रिंट एनालिटिक्स का उपयोग करके की गयी। इसमें जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए आईपी एड्रेस-का पता लगाना शामिल था। गहन जांच के बाद, मुख्य आरोपी के ठिकाने की पहचान की गयी। तलाशी के दौरान महत्वपूर्ण सुबूत मिले, जिनमें 196 सिम कार्ड कवर, सिम कार्ड, 42 चेक बुक, 41 बटन फोन और विभिन्न कंपनियों की रबर मोहरें शामिल हैं।
आरोपी को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 69 के तहत धारा 132 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया। उसे चेन्नई के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (आर्थिक अपराध) के समक्ष पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
मामले में की जांच जारी है।
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