नयी दिल्ली , नवंबर 24 -- केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को हरियाणा के रेवाड़ी में 240 टन प्रतिदिन क्षमता वाले आधुनिक कृषि-अवशेष ईंधन संयत्र का उद्घाटन किया।
यह संयत्र कृषि अवशेषों से टिकिया बनाकर थर्मल पावर प्लांटों के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराएगा। श्री जोशी ने उद्घाटन समारोह के दौरान कहा कि हरियाणा देश के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगातार मजबूत भूमिका निभा रहा है और आने वाले वर्षों में यह योगदान और बढ़ने वाला है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण नीति लागू की है, जिसके तहत देश के सभी कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांटों में कृषि-अवशेष ईंधन या टोरेफाइड म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट (एमएसडब्ल्यू) का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। नीति के अनुसार, सभी थर्मल पावर स्टेशन अपनी कुल ईंधन खपत में कम से कम पांच प्रतिशत कृषि-अवशेष या एमएसडब्ल्यू आधारित कोयला मिलाएंगे। वहीं, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के पावर प्लांटों को सात प्रतिशत कृषि-अवशेष मिश्रण का लक्ष्य हासिल करना होगा।
मंत्री ने बताया कि एनसीआर के प्लांटों में उपयोग होने वाले कृषि-अवशेष का कम से कम आधा हिस्सा स्थानीय धान के अवशेष और पराली से लिया जाएगा। इससे पराली जलाने की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी और किसानों को अपने अवशेष बेचकर अतिरिक्त आमदनी का अवसर मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कचरे से बने ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए स्रोत-पृथक्करण व्यवस्था और निगरानी तंत्र को मजबूत कर रही है, ताकि गीले और बिना छांटे हुए कचरे की समस्या से निपटा जा सके।
श्री जोशी ने कहा कि रेवाड़ी में शुरू हुआ नया पेलेट प्लांट धान के भूसे, सरसों के भूसे और कपास के डंठल जैसे फसल अवशेषों का उपयोग करेगा। इससे न केवल वायु प्रदूषण घटेगा बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
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