वाराणसी , नवंबर 23 -- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद डॉ. के. लक्ष्मण ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आगामी जनगणना में जाति-आधारित आंकड़े शामिल करने का निर्णय ओबीसी समाज के लिए ऐतिहासिक है और यह स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा सामाजिक सुधार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशकों पुरानी ओबीसी समाज की मांग को पूरा कर सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक कदम उठाया है।
डॉ. लक्ष्मण ने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार 2026-27 की जनगणना में जाति को शामिल किया जा रहा है। यह ओबीसी समाज की दशकों पुरानी मांग थी। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय लिया है। पूरा ओबीसी समाज इसके लिए उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता है।
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना को रोकने का काम सबसे पहले कांग्रेस ने ही किया। सन् 1953 में गठित काका कालेलकर आयोग ने पहली बार ओबीसी जनगणना और आरक्षण का प्रस्ताव रखा था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह खारिज कर दिया और संसद में इस पर चर्चा तक नहीं होने दी।
उन्होंने याद दिलाया कि ब्रिटिश काल में हर दस साल में जातिगत जनगणना होती थी और 1931 में अंतिम बार जाति-आधारित जनगणना हुई थी। आजादी के बाद कांग्रेस सरकार ने सेंसस एक्ट में संशोधन कर जाति संबंधी कॉलम ही हटा दिया। नेहरू और बाद में इंदिरा गांधी दोनों ने ओबीसी आरक्षण का खुलकर विरोध किया था।
डॉ. लक्ष्मण ने कहा कि राहुल गांधी बार-बार यह कहते हैं कि यदि मोदी जी तीसरी बार सत्ता में आए तो आरक्षण खत्म कर देंगे, जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस ने लगातार 55 वर्षों तक ओबीसी समाज के हक-अधिकारों को दबाए रखा।
राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा लगातार तीसरी बार प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी, क्योंकि ओबीसी समाज पूरी तरह मोदी जी और भाजपा के साथ खड़ा है।
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