रायपुर, सितंबर 28 -- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को आर्थिक सहारा देने के लिए लागू प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना लगातार महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। इस योजना के अंतर्गत पहली बार गर्भधारण पर पंजीकृत महिलाओं को 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। राशि तीन किश्तों में सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से जमा होती है।
योजना का उद्देश्य माताओं को गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार, समय पर स्वास्थ्य जांच और सुरक्षित प्रसव हेतु प्रोत्साहित करना है। इसके साथ ही शिशु को जन्म के बाद स्तनपान और टीकाकरण जैसी आवश्यक सेवाओं को बढ़ावा देना भी इसका प्रमुख लक्ष्य है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक देशभर में करोड़ों महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है। छत्तीसगढ़ सहित आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भी योजना ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने में प्रभावी योगदान दिया है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि मातृत्व वंदना योजना न केवल आर्थिक सहयोग देती है, बल्कि महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़कर उनकी और शिशु की सेहत को सुरक्षित करने में अहम भूमिका निभा रही है।
जनवरी 2017 से लागू इस योजना से लगभग हर साल 2 लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के साथ जननी सुरक्षा योजना की राशि भी हितग्राही महिला को दी जाती है। इस एक योजना के कारण बहुत सी योजनाओं का फायदा जच्चा और बच्चा को मिल पा रहा है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष फायदे - गर्भधारण का रजिस्ट्रेशन हो पा रहा है। संस्थागत प्रसव बढ़ा है। टीकाकरण का प्रतिशत और जागरूकता दोनों बढ़ी है। जननी सुरक्षा योजना का लाभ देना आसान हुआ है। हितग्राहियों को 5000 1000 =6000 मिलने से सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की सफलता के तीन प्रमुख कारण हैं। पहला योजना की राशि सीधे हितग्राही महिला के खाते में।
कॉमन एप्लीकेशन सिस्टम के कारण सुरक्षित डाटा तथा समय पर समीक्षा।
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