अगरतला , अक्टूबर 14 -- त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन सहयोगी टीआईपीआरए मोथा के संस्थापक और शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन ने सोमवार को एक साहसिक कदम उठाते हुए राजनीति में बदलाव का संकेत दिया और घोषणा की कि 2028 तक त्रिपुरा में एक आदिवासी मुख्यमंत्री होगा।

उनकी यह अभिव्यक्ति व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और नेतृत्व में आदिवासी समुदाय की मजबूत उपस्थिति की इच्छा दोनों को दर्शाती है।

वह शहर के रवींद्र शताब्दी भवन में अपनी पार्टी के लिए एक सदस्यता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जहां 1,223 मतदाता भाजपा और माकपा छोड़कर टीआईपीआरए मोथा में शामिल हुए। प्रद्योत ने कहा है कि भाजपा, माकपा और कांग्रेस जैसी मुख्यधारा की पार्टियों को आगामी एडीसी और ग्राम समितियों के चुनावों से बाहर रखा जायेगा, जो कुछ महीनों में होने वाले हैं।

उन्होंने हालांकि आदिवासी-आधारित आईपीएफटी के साथ संभावित सहयोग पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की है और सुझाव दिया है कि वे अधीनस्थ सहयोगी के रूप में राजनीतिक परिदृश्य में शामिल हो सकते हैं। इस सभा में डॉ. माणिक साहा सरकार के वन मंत्री अनिमेष देबबर्मा भी उपस्थित थे।

उन्होंने स्वदेशी समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों और राज्य एवं केंद्र सरकारों के प्रति उनकी दीर्घकालिक शिकायतों पर बात की।

उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि एक के बाद एक राज्यपालों ने 37 विधेयकों पर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रद्योत ने इस देरी की आलोचना करते हुए इसे एडीसी के साथ एक बड़ा अन्याय बताया और बदलाव की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

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