अमरोहा , अक्टूबर 10 -- उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में फुटपाथ, ज़ेब्रा क्रासिंग और फुटओवर ब्रिज जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते पैदल चलने वालों को सड़क पर चलना दूभर हो चुका है।

अधिकांश नेशनल हाईवे या स्टेट हाईवे, तथा संपर्क मार्गो व सड़कों के निर्माण में फुटपाथ ज़ेब्रा क्रासिंग और फुटओवर को नजरंदाज कर सिर्फ वाहनों को केंद्रित रखते हुए बनाए गए हैं, ऐसे में तेज़ रफ़्तार वाहनों के दौर में पैदल चलने वालों की पूरी तरह उपेक्षा करना पैदल यात्रियों पर भारी पड़ रहा है। जनसरोकार मुद्दों पर मुखर रहने वाले एडवोकेट आशीष पाठक का कहना है कि देश की शीर्ष अदालत द्वारा सरकारों को निर्देश दिए जाने के बावजूद शहरी क्षेत्रों में पैदल चलने वालों की उपेक्षा चिंतनीय है। जिले से गुजरने वाले दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे-09 तथा बदायूं-वाया गजरौला, चांदपुर हरिद्वार स्टेट हाईवे-51, जोया से गुज़र रहे नेशनल हाईवे फ्लाईओवर के नीचे सर्विस रोड़ पर स्थित मंदिर के सामने की दुकानों से जहां एक ओर यातायात व्यवस्था बाधित रहती है वहीं पैदल चलने वालों के लिए हर समय दुर्घटना का डर बना रहता है।

इस बाबत विभिन्न समाजसेवी संगठनों तथा मंदिर के महंत पुजारियों द्वारा सर्विस रोड़ पर अवैध रूप से बनी दुकानों को हटवाने के लिए अमरोहा जिला प्रशासन से बार-बार गुहार लगाई तथा महंत ने अनशन भी किया लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा इस शिकायत का का अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। कुछ इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र गजरौला, जिला मुख्यालय अमरोहा से जोड़ने वाली नौगांवा सादात तथा ज़ोया रोड़, हसनपुर चांदपुर मार्ग पर मंडी धनौरा बाईपास शेरपुर चुंगी, कलाली चुंगी, महादेव चुंगी,गोलघर ख़तरनाक मोड़, अतरासी चौराहा आदि मार्गों पर पैदल चलना जोखिम भरा है। सड़क किनारे फुटपाथों पर लोहे, सीमेंट के होलसेल दुकानदारों का अवैध क़ब्ज़ा है,रही सही कसर बेतरतीब ढंग से सड़क पर खड़े वाहन पूरी कर देते हैं। जिससे पैदल चलने वालों के लिए जगह नहीं बचती।

समाजसेवी मुकेश शर्मा ने कहा कि फुटपाथ और सड़कों पर अतिक्रमण को लेकर जवाबदेही और कार्रवाई नाममात्र होती है। मोटर वाहन अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता में ऐसे नियम कानून ज़रूर हैं जिसमें लापरवाही से वाहन चलाने की दशा में सज़ा, जुर्माने का प्रावधान है जो अप्रत्यक्ष रूप से पैदल चलने वालों की मदद करते हैं लेकिन स्पष्ट रूप से उनके चलने के अधिकार को परिभाषित नहीं करते हैं।

मुकेश शर्मा बताते हैं कि उनके बुजुर्ग पिता जो हर रोज एक किलोमीटर साइकिल से या पैदल घूमते थे अब वह फुटपाथ की जगह न बचने तथा वाहनों की भरमार होने की वज़ह से दिनचर्या में बदलाव कर चुके हैं।

औद्योगिक क्षेत्र गजरौला तिगरिया भूड़ निवासी भाजपा नेता रामबीर गुर्जर बता रहे हैं कि फुटपाथ का अभाव और सड़क किनारे अवैध कब्जों की वजह से पैदल चलने वालों को अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पर चलना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि डिडौली थाना क्षेत्र के माली खेड़ा उर्फ शहबाजपुर निवासी 45 वर्षीय सफ़ाई कर्मी सुरेश कुमार की कांकाठेर व ख्यालीपुर ढाल के समीप दिल्ली लखनऊ नेशनल हाईवे-09 पर पैदल जाते समय तेज़ रफ़्तार अज्ञात वाहन की टक्कर लगने से मौत हो गई थी। सावन के अंतिम सोमवार से पहले अमरोहा जिले में दर्दनाक हादसा में दो नौजवान कांवड़िए की दर्दनाक मौत हो गई थी। संबंधित रजबपुर थाना पुलिस के मुताबिक मृतकों के पास कोई पहचान पत्र नहीं मिला। सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाला हर पांचवां पैदल चलने वाला होता है। औद्योगिक क्षेत्र गजरौला स्थित फैक्ट्री कर्मचारियों के लिए ख़तरे से खाली नहीं है।

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