पुणे , दिसंबर 25 -- महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव करीब आने के साथ ही पुणे में हिंदुत्व संगठनों ने मतदाताओं से सिर्फ 'हिंदू उम्मीदवारों' को समर्थन देने की अपील की है। इस अभियान की शुरुआत करते हुए राजनीतिक पार्टियों को चेतावनी दी गयी है कि वे दूसरे उम्मीदवारों का समर्थन न करें ।

गुरुवार को शिवाजीनगर में समस्त हिंदू अघाड़ी की ओर से आयोजित सार्वजनिक बैठक में वक्ताओं ने शहर के लोगों से अभियान शुरू करने का आह्वान किया, ''जिसके माथे पर तिलक नहीं, उसे वोट नहीं'।उन्होंने मतदाताओं से आगामी चुनावों में सिर्फ हिंदू उम्मीदवारों का समर्थन करने की अपील की और कहा कि जो पार्टियां या नेता 'हिंदुत्व के साथ विश्वासघात' कर रहे हैं, उनकी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किये बिना चुनावी तौर पर उन्हें खारिज कर देना चाहिए।

वक्ताओं ने आरोप लगाया कि हिंदुत्व-उन्मुख होने का दावा करने वाली पार्टियों के कुछ नेता चुनावी फायदे के लिए विचारधारा से समझौता कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे उम्मीदवारों को जगह देने की कोशिशों की आलोचना की और हिंदुत्व विरोधी होने का आरोप लगाया। साथ ही, चेतावनी दी कि ऐसी नीतियों से चुनावों में सख्ती से निपटा जाएगा।

मॉडर्न उच्च विद्यालय में हुई बैठक को संग्रामबापू भंडारे, कार्यकर्ता समीर कुलकर्णी और मिलिंद एकबोटे ने संबोधित किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में हिंदुत्व समर्थक शामिल हुए। वक्ताओं ने नगर निगम चुनावों से पहले राजनीतिक पार्टियों की ओर से किये जा रहे 'अल्पसंख्यक तुष्टीकरण' की कड़ी आलोचना की।

श्री एकबोटे ने आरोप लगाया कि पुणे में हिंदुत्व को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कुछ भाजपा नेताओं पर हिंदुओं पर हमलों की घटनाओं और सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के बावजूद आपराधिक तत्वों का समर्थन करने और मुस्लिम उम्मीदवार का पक्ष लेने का भी आरोप लगाया। उन्होंने महाराष्ट्र के बाहर आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं और पुणे में कट्टरपंथी तत्वों के बीच कथित संबंधों का जिक्र करते हुए शहर में सुरक्षा को लेकर भी चिंता जतायी। श्री एकबोटे ने कांग्रेस के पतन का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी कि हिंदुत्व के सिद्धांतों से लगातार भटकने से पार्टी का आधार कमजोर हो सकता है।

उन्होंने मतदाताओं से आगामी चुनावों में सिर्फ हिंदू उम्मीदवारों का समर्थन करने की अपील की और कहा कि जो पार्टियां या नेता 'हिंदुत्व के साथ विश्वासघात' कर रहे हैं, उनकी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किये बिना चुनावी तौर पर उन्हें खारिज कर देना चाहिए।

भंडारे ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदू समाज सहिष्णु है, लेकिन हिंदू पहचान पर बार-बार हो रहे हमलों के सामने चुप नहीं रहना चाहिए।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित