नयी दिल्ली , अक्टूबर 05 -- केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कतर-भारत संयुक्त व्यापार एवं वाणिज्य आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए सोमवार से दो दिन दोहा की यात्रा पर जायेंगे।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की रविवार को जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक श्री गोयल वहां संयुक्त आयोग की बैठक में कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी के साथ मिल कर कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।

कतर, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारत एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है और 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 14 अरब डॉलर से अधिक रहा। भारत कतर के साथ अपने व्यापार एवं निवेश संबंधों को विशेष महत्व देता है।

श्री गोयल की यह पहली कतर यात्रा है जिसमें उनके साथ विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय व्यापार प्रदर्शन की समीक्षा, मौजूदा व्यापार बाधाओं और गैर-शुल्क मुद्दों का समाधान और व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के अवसरों की तलाश पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है।

इस दौरान दोनों पक्ष भारत-कतर मुक्त व्यापार समझौते के प्रस्ताव पर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं और व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) की बातचीत के संदर्भ बिंदुओं (टीओआर) को अंतिम रूप देने की बात भी कर सकते हैं।

संयुक्त आयोग की बैठक में भारत और कतर के बीच बहुआयामी साझेदारी को गहरा करने के उद्देश्य से वित्त, कृषि, पर्यावरण, पर्यटन, संस्कृति एवं स्वास्थ्य सेवा जैसे अन्य प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा होगी।

श्री गोयल की इस यात्रा के दौरान भारत-कतर संयुक्त व्यापार परिषद की पहली बैठक भी होगी। इसमें शामिल होने के लिए श्री गोयल के साथ उद्योग जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी दोहा जा रहा है। यह व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल कतर चैंबर, कतर वित्तीय केंद्र, इन्वेस्ट कतर और कतर मुक्त क्षेत्र प्राधिकरण सहित कतर के व्यवसायों एवं संस्थाओं के साथ कंपनियों के बीच व्यापारिक एवं औद्योगिक संबंधों के विस्तार पर बातचीत करेगा।

इस यात्रा के दौरान, श्री गोयल कतर के अन्य गणमान्य लोगों और कतर चैंबर तथा कतर व्यवसायी संघ के शीर्ष व्यवसायियों से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, वे इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के दोहा चैप्टर, कतर स्थित भारतीय व्यापार एवं व्यावसायिक परिषद (आईबीपीसी) के प्रतिनिधियों, कतर उद्योग जगत के वरिष्ठ सदस्यों और कतर में भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे।

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