लखनऊ , नवंबर 28 -- उत्तर प्रदेश ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नई इतिहास रचते हुए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत एक गीगावाट यानी 1000 मेगावाट रूफटॉप सोलर क्षमता हासिल कर लिया है। शुक्रवार को प्राप्त इस लक्ष्य के साथ प्रदेश देश के प्रमुख सौर ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शामिल हो गया है। प्रदेश में अब तक 2.90 लाख घरों में सौर रूफटॉप संयंत्र स्थापित हो चुके हैं, जिससे प्रदेश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बड़ी मजबूती मिली है।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि इस उपलब्धि ने न केवल हरित ऊर्जा के विस्तार को बढ़ावा दिया है बल्कि लगभग चार हजार एकड़ भूमि की बचत भी की है, जिसे अब विकास और सार्वजनिक हित के अन्य कार्यों के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि स्थापित संयंत्रों पर उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार से करीब 2000 करोड़ तथा राज्य सरकार से लगभग 600 करोड़ रुपये का अनुदान मिल चुका है।
उन्होंने कहा कि रूफटॉप सोलर योजना के विस्तार ने प्रदेश में रोजगार-सृजन को भी नई गति दी है। योजना के शुरुआती दौर में केवल 81 वेंडर पंजीकृत थे, जो अब बढ़कर 4200 हो गए हैं। इससे उत्पादन, इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस और सप्लाई चेन से जुड़े क्षेत्रों में लगभग 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। स्थानीय उद्यमिता और व्यापार को भी इससे नए अवसर प्राप्त हुए हैं।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा-आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली नीतियों का स्पष्ट परिणाम है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सूर्यघर योजना को अत्यधिक प्राथमिकता के साथ लागू कर रही है, और लक्ष्य है कि प्रदेश देश का सबसे बड़ा घरेलू सौर ऊर्जा उत्पादक बने।
ऊर्जा विभाग ने बताया कि योजना की सफलता के पीछे जिले से लेकर राज्य स्तर तक की नियमित समीक्षा, सरल ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, समयबद्ध कनेक्शन और सब्सिडी के त्वरित भुगतान जैसी व्यवस्थाएँ महत्वपूर्ण रहीं। विभाग अब अगले चरण में 2 गीगावाट रूफटॉप सोलर क्षमता हासिल करने की तैयारी कर रहा है।
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