हैदराबाद , अक्टूबर 15 -- भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने बुधवार को पिछड़ा वर्ग संघों के 18 अक्टूबर को आहूत भारत बंद को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की ओर कहा कि उनकी पार्टी न्याय तथा समान आरक्षण की लड़ाई में पिछड़ा वर्ग के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा।

राज्यसभा सांसद आर कृष्णैया के साथ पिछड़ा वर्ग संघ के नेताओं ने आज श्री रामाराव से उनके आवास पर मुलाकात की और आगामी भारत बंद के लिए बीआरएस का समर्थन मांगा। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पिछड़ा वर्ग संघों के कई प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

बातचीत के दौरान श्री रामाराव ने कहा कि बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव देश के पहले नेता थे जिन्होंने राष्ट्रीय ओबीसी कल्याण विभाग की स्थापना की मांग की थी। बीआरएस ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर लगातार स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाया है और इस संबंध में दो बार विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित किए हैं।

उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस के असंगत रुख की आलोचना की और आरोप लगाया कि वह अपने कामारेड्डी घोषणापत्र में किए गए वादों के बावजूद चुनाव प्रचार या निर्णायक कार्रवाई करने में विफल रही है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की बात पाँच अलग-अलग तरीकों से कर रही है। वह संविधान संशोधन के ज़रिए, अध्यादेश के ज़रिए, विधेयक के ज़रिए, पार्टी प्रस्ताव के ज़रिए और अब कह रही है कि यह राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही होगा। ईमानदारी की यह कमी अस्वीकार्य है।"उन्होंने तेलंगाना की कांग्रेस सरकार पर पिछड़े समुदायों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता की कमी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जब तक मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सत्ता में हैं, पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू नहीं होगा। हम कांग्रेस पार्टी का पर्दाफाश तब तक करते रहेंगे जब तक वह कमज़ोर वर्गों से किए गए हर वादे को पूरा नहीं कर देती।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस शिक्षा, रोज़गार और ठेकों सहित सभी क्षेत्रों में पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण लागू करे, न कि इसे केवल स्थानीय निकायों तक सीमित रखे। अगर इसे ईमानदारी से लागू किया जाए, तो यह लाखों पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों और परिवारों के जीवन को बदल देगा।

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