कोलकाता , दिसंबर 24 -- पश्चिम बंगाल में प्रभावशाली मतुआ समुदाय के प्रशासनिक मुख्यालय ठाकुरनगर में मतदाता सूची संशोधन के विवादास्पद मुद्दे पर बुधवार को केंद्रीय जहाजरानी मंत्री एवं भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर और तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद ममता बाला ठाकुर के समर्थक भिड़ गए। इस टकराव में कई लोगों के घायल होने की सूचना है।
यह टकराव राज्य में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) अभियान के बाद मतदाता सूची से करीब एक लाख मतुआ मतदाताओं के नाम कथित तौर पर हटाए जाने के बाद मतुआ समुदाय के आक्रोश को दिखाता है।
सोमवार रात भाजपा की एक बैठक में श्री शांतनु ठाकुर के एक बयान की वजह से विवाद भड़का जिसमें केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मसौदा मतदाता सूची से करीब एक लाख मतुआ मतदाताओं के नाम बाहर हो सकते हैं। उन्होंने विवादास्पद रूप से यह भी कहा कि इसके लिए "बलिदान" आवश्यक है। उन्होंने करीब 50 लाख मुस्लिम मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने की संभावना का भी जिक्र किया।
इन टिप्पणियों से मतुआ समुदाय में व्यापक बेचैनी फैल गई, जो दक्षिणी बंगाल की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाला बड़ा दलित समुदाय है। इन बयानों पर गुस्सा सड़कों पर तब उतरा जब बुधवार को ममता बाला ठाकुर से जुड़े सैकड़ों समर्थकों ने ठाकुरनगर में जुलूस निकाला।
प्रदर्शनकारी श्री शांतनु ठाकुर के आवास की ओर मार्च कर रहे थे और मतुआ मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कथित रूप से हटाए जाने पर सार्वजनिक स्पष्टीकरण एवं आश्वासन की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह मुद्दा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले समुदाय के राजनीतिक अधिकारों को खतरे में डाल रहा है।श्री शांतनु ठाकुर के अनुयायियों द्वारा कथित तौर पर उनके आवास के पास दूसरे गुट के जुलूस को रोकने के बाद विवाद बढ़ गया।
दोनों पक्षों के बीच गर्मागर्म बहस जल्द ही हिंसक हो गई और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला कर दिया। केंद्रीय मंत्री के घर के आसपास अराजकता के दृश्य दिखे, जहां पथराव हुआ और हाथापाई हुई। झड़प में मतुआ समुदाय के कई सदस्य घायल हो गए। ठाकुरनगर में व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस का बड़ा दल भेजा गया।
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