अमृतसर , नवंबर 25 -- पंजाब भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा तख़्त साहिबानों से जुड़े श्री आनंदपुर साहिब, श्री तलवंडी साबो और श्री अमृतसर साहिब के आंतरिक हिस्सों को पवित्र शहर का दर्जा देने के निर्णय का हार्दिक स्वागत किया।
प्रो ख्याला ने कहा कि गुरु तेग बहादुर की शहादत की 350वीं बरसी के अवसर पर उठाया गया यह कदम ऐतिहासिक भी है और धार्मिक मर्यादा का सम्मान भी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पवित्र शहर का दर्जा केवल घोषणा भर से नहीं बनता, यह तभी सार्थक होगा, जब सरकार इसे तुरंत, प्रभावी और कड़ाई से लागू करे। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह फैसला महज़ राजनीतिक घोषणा बनकर न रह जाये, बल्कि इसे कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर तत्काल क्रियान्वित किया जाये। उन्होंने पवित्रता की मर्यादा तोड़ने वाली कारगुजारियों पर 'ज़ीरो-टॉलरेंस' नीति अपनाने और कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने की भी सलाह दी।
प्रो. ख्याला ने अकाली दल की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करते हुए अकाली दल के कुछ नेताओं के दिये गये उन बयानों पर हैरानी और आपत्ति जतायी, जिनमें कहा गया कि पिछली सरकारें भी ऐसे निर्णय ले चुकी हैं तथा गुरु साहिबानों द्वारा बसाये गये शहरों की पवित्रता सरकारी दर्जों से नहीं बनती। उन्होंने शहादत शताब्दी को लेकर अकाली दल द्वारा राज्य और केंद्र सरकार पर लगाये जा रहे बेबुनियाद आरोपों को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि राज्य सरकारें और केंद्र सरकार आज गुरु तेग बहादुर जी की शहादत का संदेश राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित कर रही हैं।
भाजपा नेता ने धार्मिक, सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व पर कहा कि तख़्त साहिबान केवल धार्मिक संस्थान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय धरोहर हैं। ये तीनों शहर न केवल सिख समुदाय, बल्कि पंजाबी सभ्यता, भारतीय आध्यात्मिक परंपरा और नैतिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए इनकी मर्यादा और विकास सुनिश्चित करना राज्य और केंद्र, दोनों की संयुक्त जिम्मेदारी है।
उन्होंने केंद्र सरकार से भी विशेष भूमिका निभाने की अपील करते हुए कहा, " जैसे वाराणसी, मथुरा, अयोध्या, उज्जैन आदि प्रमुख हिन्दू धार्मिक शहरों को केंद्र सरकार ने धार्मिक शहर घोषित कर सर्वांगीण विकास के मॉडल के रूप में विकसित किया है, वैसे ही तख़्त साहिबानों से जुड़े ये शहर भी राष्ट्रीय आध्यात्मिक धरोहर हैं। इनके लिए विशेष केंद्रीय पैकेज जारी होना चाहिए। "उन्होंने कहा कि पवित्र शहर की मर्यादा तभी बनी रह सकती है, जब, मांस, शराब, तंबाकू और सभी प्रकार के नशे की बिक्री और सेवन पर तुरंत और पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाये।
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