अमृतसर , नवंबर 24 -- पंजाब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और सिख विचारक प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने अमेरिका स्थित 'सिख्स फॉर जस्टिस' कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा आईएसआई द्वारा संचालित यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किए जा रहे भड़काऊ भाषण, नफरत और हिंसा की कड़ी निंदा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिख समुदाय किसी भी विदेशी एजेंसी द्वारा चलाए जा रहे काल्पनिक खालिस्तानी आख्यान का हिस्सा नहीं है।

प्रो. ख्याला ने सोमवार को कहा कि पन्नू द्वारा लगाए जा रहे नारे, खासकर 'हिंदुस्तान को नक्शे से मिटा देने' और पाकिस्तान से 'भारत पर सशस्त्र हमला करने' के आह्वान, न केवल भारत विरोधी हैं, बल्कि सिख धर्म के सिद्धांतों, गुरुओं की शिक्षाओं और देश की आजादी में योगदान देने वाले देशभक्तों और शहीदों की शहादत का भी सीधा अपमान हैं।

प्रो. ख्याला ने हाल ही में 'पाकिस्तान टीवी डिजिटल' को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि पन्नू ने खालसा के नाम पर विदेशी ताकतों का समर्थन करने का फैसला किया है, वह किसी भी हालत में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का दावा नहीं कर सकते। उन्होने कहा कि पन्नू जैसे लोग सिखों की छवि को बदनाम कर रहे हैं। एक सच्चा सिख हमेशा देश की सुरक्षा के लिए खड़ा होता है और किसी विदेशी खुफिया एजेंसी के निर्देशों का पालन नहीं करता। 1947 से लेकर आज तक, सिख समुदाय ने भारत की रक्षा के लिए अपना खून बहाया है। सच्चे सिखों के लिए, पंजाब, सिख समुदाय और भारत की एकता और अखंडता हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

प्रो. ख्याला ने ज़ोर देकर कहा कि पन्नू जैसे लोगों की सोच का सिख परंपरा या सिख सिद्धांतों से कोई लेना-देना नहीं है। वे शांति, सेवा, निर्भयता और अहिंसा के सिख धर्म के मूल सिद्धांतों को विकृत कर रहे हैं। सिख धर्म सिखाता है कि तलवार केवल न्याय और देश सेवा के लिए खींची जानी चाहिए, अनावश्यक रूप से नहीं। इसलिए, पन्नू की पाकिस्तान समर्थक भाषा का सिख धर्म से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि पन्नू के बयानों से साफ़ हो गया है कि वह सिखों की नहीं, बल्कि पाकिस्तान की लड़ाई लड़ रहा है। पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी द्वारा संचालित चैनलों पर भारत विरोधी ज़हर फैलाना साबित करता है कि यह कोई जनहित अभियान नहीं, बल्कि एक विदेशी सेना द्वारा चलाई जा रही धोखेबाज़ रणनीति है, जिसका मक़सद सिखों को फंसाकर पंजाब में हिंसा फैलाना और विदेशी दखल बढ़ाना है।

प्रो ख्याला ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि भारत विरोधी दुष्प्रचार और अलगाववाद को बढ़ावा देने की उसकी कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी क्योंकि आज पंजाब का युवा तरक्की, शिक्षा और रोज़गार की बात कर रहा है, न कि आईएसआई के युद्ध के एजेंडे की। प्रो. ख्याला ने स्पष्ट किया कि पंजाब भारत का अभिन्न अंग है।

प्रो. ख्याला ने लोगों से पन्नू के इंटरव्यू और आईएसआई द्वारा पोषित इस डिजिटल छद्म युद्ध से सावधान रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि खालिस्तान का हिंसक, पाकिस्तान-प्रचारित एजेंडा न तो सिख धर्म है और न ही कोई सही मुद्दा। पंजाब, सिख समुदाय और भारत की एकता एक-दूसरे की ताकत है, इसे तोड़ना किसी के लिए भी संभव नहीं है।

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