वलसाड , नवंबर 29 -- गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वलसाड जिले के धरमपुर स्थित श्रीमद राजचंद्र आश्रम में आयजित तीन दिवसीय 12वें चिंतन शिविर के शनिवार को समापन दिवस पर वर्ष 2024 से 2025 के दौरान उत्कृष्ट प्रशासनिक सेवाओं के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों को 'कर्मयोगी पुरस्कार' प्रदान किये।

जिन आईएएस अधिकारियों को यह कर्मयोगी सम्मान मिला है, उनमें वलसाड के तत्कालीन जिला कलेक्टर नैमेष दवे, पाटण के तत्कालीन जिला कलेक्टर अरविंद वी., मोरबी के तत्कालीन जिला विकास अधिकारी जे. एस. प्रजापति और आणंद के तत्कालीन जिला विकास अधिकारी मिलिंद बापना शामिल हैं।

इस पुरस्कार के अंतर्गत प्रत्येक पुरस्कृत को 51 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और वे हाल में जिस जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हों, उस जिले के विकास के लिए 40 लाख रुपये का प्रोत्साहक अनुदान दिया गया। प्रशासन में आधुनिक उपकरणों का उपयोग, नवीनतम योजनाओं-कार्यक्रम और अन्य मानदंडों को ध्यान में रखकर सीएम डैशबोर्ड के अंतर्गत समाविष्ट किये गये 'की परफॉर्मेंस इंडिकेटर' (केपीआई) के आधार पर राज्य के प्रशासन में गतिशीलता लाने एवं सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले जिला कलेक्टरों और जिला विकास अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 2005 से जिला कलेक्टरों/जिला विकास अधिकारियों को कर्मयोगी पुरस्कार देने की योजना शुरू की गयी है।

इस योजना के अंतर्गत जिला कलेक्टरों के लिए 81 केपीआई तथा जिला विकास अधिकारियों के लिए 73 केपीआई तय किये गये हैं। इस योजना में श्रेष्ठ जिला कलेक्टर/श्रेष्ठ जिला विकास अधिकारी के लिए कुल 100 गुण में से विभागों तथा मुख्य सचिव द्वारा उनकी कार्यक्षमता के मूल्यांकन के आधार पर राज्य सरकार को जो भी सिफारिशें की जाती हैं, उनके आधार पर ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।

इस योजना अंतर्गत दो श्रेणियों में पुरस्कार दिये जाते हैं, जिनमें एक 15 लाख से अधिक जनसंख्या और महानगर पालिका क्षेत्र वाले जिले तथा दूसरी 15 लाख तक की जनसंख्या वाले जिले। 12वें चिंतन शिविर के समापन दिवस पर प्रत्येक श्रेणी में दो कलेक्टरों और दो जिला विकास अधिकारियों सहित कुल मिलाकर चार आईएएस अधिकारियों को वर्ष 2024-25 के लिए पुरस्कार दिये गये।

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